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लाइफ स्टाइल

गर्मियों में कैसे करें आंखों की देखभाल

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गर्मियों में कैसे करें आंखों की देखभाल

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गर्मियों में कैसे करें आंखों की देखभाल

नई दिल्ली| अगर आंखें न हों तो हम इस खूबसूरत दुनिया को देख पाएंगे क्या? आंखों के बारे में सदियों से कवि व शायर लिखते रहे हैं। आंखों को नयन, लोचन, नयन, नैना जैसे कई नाम दिए गए हैं। ये आखें अभिव्यक्ति का माध्यम भी है, तभी तो आंखों-आंखों में बात हो जाती है। कुदरत का अनमोल तोहफा आंखों का ख्याल रखना भी बहुत जरूरी है। गर्मियां में झुलसाने वाली तेज धूप और उसकी तपिश न सिर्फ आपकी सेहत के लिए, बल्कि आंखों भी सही नहीं है।

गर्मी का मौसम अपने साथ कई समस्याएं लेकर आता है। जब आप अपनी त्वचा की रक्षा के लिए सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करते हैं तो आंखों का बचाव भी जरूरी है, खासकर सूरज से निकलने वाली अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से आंखों का बचाव बेहद जरूरी है।

गर्मी के कारण आंखों में मेलानोमा या लायमोफोमा जैसी कई तरह की बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है। यहां तक कि जब सूरज बादलों की ओट में छिप जाता है, ऐसी स्थिति में भी अल्ट्रा वॉयलेट किरणें उसे भेदने में सक्षम होती हैं।

पद्मश्री से सम्मानित डॉ. महिपाल एस. सचदेव सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल्स के प्रबंध निदेशक, चेयरमैन और चिकित्सा निदेशक भी हैं। वह बताते हैं, “अल्ट्रा वॉयलेट किरणें मौसम के साथ फैलती हैं, जिसकी गति प्रकाश से भी अधिक तेज होती है। यहां तक कि छाया में भी अल्ट्रा वॉयलेट किरणें मौजूद रहती हैं और कई समस्याएं उत्पन्न करती हैं।”

आंखों के बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु :

सनग्लासेज, सनस्क्रीन और हैट : सन ग्लास यानी धूप का चश्मा खतरनाक अल्ट्रा वॉयलेट ‘ए’ और अल्ट्रा वायलेट ‘बी’ किरणों को रोकता है। यहां तक कि आप छाया में खड़े हों तब भी सन-ग्लास का उपयोग करें। छाया में यूवी का कुछ डिग्री कम होता है, लेकिन आपकी आंखों पर सामने की इमारतों, सड़क पर चलते वाहनों और अन्य धरातलों से टकराकर आने वाली यूवी किरणें अपना प्रभाव दिखा सकती हैं।

चैडे किनारे वाली टोपी या हैट सूरज की किरणें आपकी आंखों तक रोकने के लिए बचाव की एक अतिरिक्त परत का काम करती हैं।

हाइड्रेशन (जलीकरण) बेहद जरूरी : नमी आपके नेत्रों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। प्रतिदिन कम से कम दो लीटर पानी जरूर पीएं, ताकि आखों और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाया जा सके। डिहाइड्रेशन से आपकी आंखों में लुब्रिकेशन की कमी आ सकती है, जिससे जीरोफ्थलमिया (सूखी आंखें) जैसी बीमारी संभव है। पर्याप्त जलीकरण आपके नेत्रों की गतिविधियां गर्मियों के प्रभाव को संतुलित कर विपरीत प्रभावों से बचाए रखता है।

बचाव ही बेहतर इलाज :

दुष्प्रभाव वाली किरणों से बचाव और देखभाल ही आपके नैनों के लिए सबसे बड़ा इलाज है। आपकी आंखें स्वस्थ रहें और दृष्टि ठीक रहे, इसके लिए अच्छे नेत्र चिकित्सक का परामर्श जरूर लें और अपनी आंखों की जांच थोड़े-थोड़े दिनों पर जरूर करवाएं। वरना नैना ठग लेंगी..!

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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