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उत्तराखंड

उत्तराखंडः नदियों में सिल्ट बढ़ने से टरबाइनों की रफ्तार पड़ी धीमी, गहराया विद्युत संकट

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उत्तराखंड, नदियों में सिल्ट बढ़ा, टरबाइनों की रफ्तार पड़ी धीमी, गहराया विद्युत संकट

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उत्तराखंड, नदियों में सिल्ट बढ़ा, टरबाइनों की रफ्तार पड़ी धीमी, गहराया विद्युत संकट

Rain in Dehradun

देहरादून। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश बिजली उत्पादन पर भारी पड़ रही है। बारिश से नदियों में बढ़ी सिल्ट से जल विद्युत परियोजनाओं में टरबाइनों की रफ्तार सुस्त पड़ गई है। टरबाइनों को कई घंटे पूरी तरह से रोकना पड़ रहा है। जल विद्युत गृहों में विद्युत उत्पादन कम होने से प्रदेश में विद्युत कटौती बढ़ गई है।

बृहस्पतिवार रात भागीरथी नदी में कूड़ा करकट, रेत (सिल्ट) की मात्रा अत्यधिक बढ़ने से उत्तराखंड जल विद्युत निगम (यूजेवीएनएल) के 90 मेगावाट के मनेरी भाली-प्रथम (तिलोथ) और 304 मेगावाट क्षमता के मनेरी भाली-द्वितीय (धरासू) जल विद्युत गृहों को खतरा पैदा हो गया। विद्युत गृह को बचाने के लिए यूजेवीएनएल अधिकारियों ने तत्काल टरबाइनों पर ब्रेक लगा दिया।

देर रात स्थिति सामान्य होने पर तिलोथ को दोबारा शुरू किया, लेकिन शुक्रवार को फिर बार-बार टरबाइनों को रोकना पड़ा। जबकि धरासू में शुक्रवार देर रात तक उत्पादन दोबारा चालू नहीं हो पाया था। वहीं, 144 मेगावाट के चीला जल विद्युत गृह में शुक्रवार शाम 4.30 बजे से सफाई कार्य के लिए विद्युत उत्पादन बंद किया गया।

यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा ने बताया कि अत्यधिक सिल्ट से टरबाइनों को बचाने के लिए अधिकारी जल विद्युत गृहों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। राज्य के जल विद्युत गृहों से शुक्रवार को पावर कारपोरेशन को महज एक करोड़ 57 लाख दस हजार यूनिट बिजली मिली।

राज्य के जल विद्युत गृहों, केंद्रीय सेक्टर और अन्य स्रोतों से बिजली की कुल उपलब्धता तीन करोड़ 96 लाख 30 हजार यूनिट रही। जबकि राज्य की कुल विद्युत मांग चार करोड़ दो लाख नब्बे हजार यूनिट पहुंची थी।

हरिद्वार जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ढाई घंटे, ऊधमसिंह नगर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में डेढ़ घंटे की विद्युत कटौती हुई। इसके अलावा देहरादून के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी घंटों कटौती रही।

उत्तराखंड पावर कारपोरेशन के डायरेक्टर एवं प्रवक्ता पीसी ध्यानी ने बताया कि जल विद्युत गृहों में कम उत्पादन को देखते हुए शनिवार के लिए बाहर से 85 लाख 90 हजार यूनिट अतिरिक्त बिजली खरीद ली है।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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