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त्रिपुरा में नया पशु वध कानून लागू नहीं होगा : मंत्री
अगरतला, 30 मई (आईएएनएस)| त्रिपुरा के एक मंत्री ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश की वाम मोर्चा सरकार नए मवेशी खरीद-फरोख्त व पशुवध कानून को लागू नहीं करेगी, क्योंकि यह लोगों के हितों के खिलाफ है। त्रिपुरा के कृषि एवं पशु संसाधन विकास मंत्री अघोर देबबर्मा ने आईएएनएस से कहा, केंद्र द्वारा जारी नया पशु व्यापार व पशु वध नियम लोगों के हितों के खिलाफ है। हम इन नियमों को लागू नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए 26 मई को नियमों में संशोधन किया था, जिसमें पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक सुनिश्चित की गई है।
कत्ल करने के लिए जिन जानवरों की बाजारों में खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, उनमें गाय, सांड, भैंस, बछिया, बछड़ा तथा ऊंट शामिल हैं।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने हमें अभी तक पशु व्यापार व पशु वध नियम मुहैया नहीं कराए हैं। इस मुद्दे पर उन्होंने हमसे विचार-विमर्श नहीं किया।
देबबर्मा ने कहा, किसानों के लिए जब मवेशी बेकार हो जाएंगे और वे उन्हें बेचने में सक्षम नहीं होंगे, तो फिर वे उनकी देखभाल कैसे करेंगे? यह कैसे तय होगा कि बाजार से जो पशु खरीदे जा रहे हैं, उनका वध नहीं किया जाएगा?
सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र सरकार के नए पशु वध नियम की कड़ी निंदा की है।
त्रिपुरा की माकपा इकाई के सचिव बिजन धर ने संवाददाताओं से कहा, भारी तादाद में लोग, खासकर दलित तबके के लोग मवेशियों की खाल का कारोबार करते हैं। मवेशी व्यापार से जुड़े किसान, अल्पसंख्यक समुदाय के लोग जो प्रोटीन के स्रोत के लिए सीधे मवेशियों पर निर्भर हैं, वे इस कानून से सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
उन्होंने कहा, हमारे देश में संघीय व्यवस्था है। केंद्र सरकार कई चीजें राज्यों की सहमति के बिना नहीं कर सकती। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने एकपक्षीय तरीके से मवेशी व्यापार व पशु वध नियम बनाया है।
धर ने कहा, नए नियमों के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 50 किलोमीटर के दायरे में कोई पशु बाजार नहीं होगा। लेकिन त्रिपुरा में लगने वाले अधिकांश साप्ताहिक व सामान्य पशु हाट भारत-बांग्लादेश सीमा के 50 किलोमीटर के दायरे में आते हैं।
उन्होंने कहा, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, ऋण के बोझ तथा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के कारण हर साल 12,000 से अधिक किसान खुदकुशी करते हैं। नया मवेशी व्यापार व पशु वध नियम किसानों और मवेशियों तथा उनके खाल के व्यापार में शामिल लोगों की चिंता को और बढ़ाएगा।
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5.6 मिलियन फॉलोअर्स वाले एजाज खान को मिले महज 155 वोट, नोटा से भी रह गए काफी पीछे
मुंबई। टीवी एक्टर और पूर्व बिग बॉस कंटेस्टेंट एजाज खान इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने उतरे थे। हालांकि जो परिणाम आए हैं उसकी उन्होंने सपने में भी उम्मीद नहीं की होगी। एजाज आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के टिकट पर वर्सोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन उन्होंने अभी तक केवल 155 वोट ही हासिल किए हैं।
आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटा को भी 1298 वोट मिल चुके हैं। इस सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के हारून खान बढ़त बनाए हुए हैं जिन्हें अबतक करीब 65 हजार वोट मिल चुके हैं।
बता दें कि ये वहीं एजाज खान हैं जिनके सोशल मीडिया पर 5.6 मिलियन फॉलोअर्स हैं। ऐसे में बड़ी ही हैरानी की बात है कि उनके इतने चाहने वाले होने के बावजूद भी 1000 वोट भी हासिल नहीं कर पाए। केवल 155 वोट के साथ उन्हें करारा झटका लगा है।
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