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बिजनेस

उभरते काराबारों के लिए एयरटेल बिजनेस का डिजिटल प्लेटफार्म लांच

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नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)| भारतीय एयरटेल की बिजनेस-टू-बिजनेस इकाई ने उभरते कारोबारों की कनेक्टिविटी, संचार और सहयोग आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक समर्पित डिजिटल प्लेटफार्म लांच किया है। इन उभरते बाजारों में छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) और स्टार्ट-अप शामिल हैं। एयरटेल बिजनेस के निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अशोक गणपति ने कहा, उभरते उद्यम अर्थव्यवस्था के विकास के प्रमुख कारक हैं। एयरटेल अपनी देशव्यापी पहुंच और उद्यम समाधानों के साथ इस खंड की जरूरतें पूरी करने के लिए विशिष्ट रूप से तत्पर है। हमारे नए डिजिटल प्लेटफार्म से उद्यमों को हमारे संपर्क समाधान तक तेजी और असानी से पहुंच प्रदान करने में मदद मिलेगी। इससे वे व्यावसायिक पैमाने पर इसकी तेजी से तैनाती कर सकेंगे।

बढ़ते डिजिटीकरण के साथ उभरते व्यापार कनेक्टिविटी समाधान की तलाश कर रहे हैं, जो त्वरित समय में उपलब्ध या सक्रिय हो जाए तथा उनकी आवश्यकताओं के अनुसार बेहद विश्वसनीय हो। एयरटेल बिजनेस का उद्देश्य इस क्षेत्र की जरूरतों को अपने विस्तृत उत्पाद पोर्टफोलियो से पूरा करना है, जो पहले से ही देश के कुछ बड़े व्यवसायों की सेवा कर रहा है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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