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बिजनेस

आरबीआई की ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं

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मुंबई, 5 जून (आईएएनएस)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बुधवार को की जानेवाली मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में किसी परिवर्तन की उम्मीद नहीं है। हालांकि नवीनतम आंकड़ों में मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि दर दोनों में गिरावट दर्ज की गई है। पिछले महीने सरकार के सांख्यिकीविद द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर मार्च में खत्म हुई तिमाही में गिरकर 6.1 फीसदी पर आ गई, जोकि नवंबर में की गई नोटबंदी का नतीजा है।

इस दौरान अप्रैल में खुदरा महंगाई दर घटकर 2.99 फीसदी रही, जोकि मार्च में 3.89 फीसदी थी। इनमें खाद्य पदार्थो की कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित नई सीरीज के मुताबिक, पिछले साल के अप्रैल में मुद्रास्फीति की दर 5.47 फीसदी थी। वहीं, समीक्षाधीन अवधि में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) गिरकर 0.61 फीसदी दर्ज की गई, जो मार्च में 2.01 फीसदी थी।

आरबीआई ने अप्रैल में अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर या अल्पकालिक ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करते हुए इसे 6.25 फीसदी पर रखा था। आरबीआई ने कहा था, मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का लक्ष्य मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को चार फीसदी (दो फीसदी ऊपर-नीचे) रखना है, जबकि विकास को भी बढ़ावा देना है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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