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नेशनल

छग : समाज से बहिष्कृत शिक्षक दंपत्ति ने मांगी इच्छा मृत्यु

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छतीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सात सालों से समाज से बहिष्कृत शिक्षक ने अब समाज के नए पदाधिकारियों के उस प्रस्ताव को मानने से इंकार कर दिया है, जिसमें उसे समाज में शामिल करने को कहा गया है। बहिष्कृत शिक्षक दंपत्ति ने इच्छा मृत्यु की मांग की है। समाज के ठेकेदारों का दंश शिक्षक दंपत्ति सहित उनका पूरा परिवार सात सालों से झेल रहा है। शिक्षक का कहना है, जिन लोगों ने अकारण मुझे और मेरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर प्रताड़ित किया, उन्हें दंडित किया जाए। इस संबंध में शिक्षक ने थाना में आवेदन भी किया है। पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है।

गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के खैरमाल गांव में आपसी रजामंदी से स्वजातीय युवती से शादी करने पर एक शिक्षक के पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था। खैरमाल गांव में रहने वाले शिक्षक सोनाधर सोरी ने बताया, 2010 में उसने रायपुर की अनिता से मंदिर में प्रेम विवाह किया था। घर आने के बाद से समाज ने अनिता के सामाजिक होने का प्रमाण मांगा था। जिस पर स्कूल मार्कशीट से लेकर तमाम प्रमाणित दस्तावेज समाज को सौंपा था। समाज ने इसे नहीं माना और उसे बहिष्कार होने का फरमान सुनाया।

शिक्षक ने बताया कि गांव व समाज के लोगों को परिवार से दूर रहने के अलावा किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सोनाधर ने इसकी शिकायत अमलीपदर पुलिस से की है। सोनाधर ने कहा, शादी के कुछ दिनों बाद तक उसे समाज के पुराने पदाधिकारियों ने समाज में रहने दिया, बाद में उन पदाधिकारियों का कार्यकाल समाप्त होने पर नए पदाधिकारियों ने मेरे पूरे परिवार को बहिष्कृत कर दिया।

आवेदन में सोनाधर ने बताया, 30 अप्रैल को छोटी बहन निरेंद्री का विवाह ओडिशा के नवरंगपुर जिले के मुड़ीबेड़ा में रहने वाले स्वजातीय वर से किया गया था। समाज के लोगों ने 26 मई को बैठक रखकर मेरे दामाद दयानिधी, उनके पिता टीकम नेताम सहित उनके पूरे रिश्तेदारों को बहिष्कार करने का पत्र ओडिशा समाज को भेजा गया, जिससे पूरा परिवार प्रताड़ित हुआ है। इसी बैठक में कुहीमाल में रहने वाले बड़े दामाद को भी समाज से दूर रखने का फैसला पदाधिकारियों ने सुना दिया है।

आवेदन में सोनाधर ने पूरी व्यथा का विवरण दिया है। समाज के झरगांव केंद्र, सभी के कुल 13 पदाधिकारियों का नाम लिखकर कार्रवाई की मांग की है। न्याय नहीं दे पाने पर पूरे परिवार को इच्छा मृत्यु की अनुमति की मांग की है।

चार जून को दिए गए आवेदन के पहले पीड़ित ने दो जून को भी थाने में आवेदन दिया था, जिस पर अमलीपदर थाना प्रभारी ने प्रार्थी के अलावा उल्लेखित 13 पदाधिकारियों को नोटिस तामिल कर अपना पक्ष रखने के लिए थाने में तलब किया था। पुलिस के समक्ष प्रार्थी सोनाधर ने दोबारा अपनी पत्नी अनीता की मिशल को बतौर प्रमाण स्वरूप पेश किया।

इसके बाद समाज के अध्यक्ष डमरूधर पुजारी, गुनधर मांझी, धनसाय पटेल सहित पांच पदाधिकारियों ने बैठक बुलाई, जिसमें प्रार्थी को समाज में शामिल करने के लिए समझौता हुआ। सात सालों से प्रताड़ित होने का हवाला देकर पीड़ित सोनाधर ने इस समझौते को ठुकराते हुए चार जून को फिर से थाना प्रभारी को आवेदन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

अमलीपदर थाना प्रभारी भूपेंद्र साहू ने बताया कि प्रार्थी का आवेदन पत्र चार जून को दोबारा प्राप्त हुआ है। दोनों पक्षों को बुलाकर कथन दर्ज करने के अलावा मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी।

समाज के अध्यक्ष डमरूधर पुजारी का कहना है कि दो जून को अमलीपदर थाना में सोनाधर द्वारा उसकी पत्नी का मिशल, हम लोगों को दिया गया है। उसे अब शामिल कर लिया गया है, उसने लिखित में समझौता भी किया है। अब आगे उसके साथ कोई विवाद नहीं है।

पीड़ित शिक्षक ने कहा, समाज के पदाधिकारियों ने गांव के दीगर जाति के लोगों को भी मेरे परिवार से दूर रहने, घूमने-फिरने और बातचीत बंद रखने को कहा है। पिछले सात सालों से मेरा पूरा परिवार प्रताड़ित है। मुझे न्याय नहीं मिलने पर इच्छामृत्यु की अनुमति की मांग की है। दो जून को समझौता किया गया था, लेकिन केवल पांच लोगों की मौजूदगी में, जिसे मैने मानने से इंकार कर दिया है।

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नेशनल

पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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