अन्तर्राष्ट्रीय
नवाज शरीफ पनामा पेपर्स जांच समिति के समक्ष पेश होंगे
इस्लामाबाद, 12 जून (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपने परिवार की संपत्ति के संबंध में पनामा पेपर्स जांच के लिए एक संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के समक्ष पेश होंगे।
‘डॉन’ ने सोमवार को बताया कि शरीफ गुरुवार को जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने वाले पहले मौजूदा प्रधानमंत्री होंगे।
आठ जून को दल ने शरीफ को सम्मन जारी कर 15 जून सुबह 11 बजे इस्लामाबाद की फेडरल ज्यूडिशियल एकेडमी, जेआईटी के कार्यालय में पेश होने का आदेश दिया था।
इस आदेश में प्रधानमंत्री को पनामा पेपर्स के मामले से संबंधित ‘प्रासंगिक रिकॉर्ड, दस्तावेज, सामग्री’ लाने का निर्देश दिया है, जो शरीफ के वकील, मखदूम अली खान द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत लगभग सभी दस्तावेजों और सबूतों की तरह आवश्यक है।
सूत्रों ने कहा कि शरीफ की पेशी से पहले वित्तमंत्री इशाक दार से भी पूछताछ की जा सकती है।
पनामा पेपर्स के मामले में 20 अप्रैल के अपने फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने जेआईटी का गठन किया था और प्रधानमंत्री, उनके पुत्रों और इस मामले से संबंधित किसी भी अन्य व्यक्ति को धन-शोधन के आरोपों की जांच के लिए बुलाने का अधिकार दिया था, जिसके माध्यम से लंदन के पार्क लेन इलाके के चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे।
‘डॉन’ के अनुसार, 2 जून को प्रधानमंत्री के सबसे छोटे पुत्र हसन नवाज फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के अतिरिक्त निदेशक जनरल वाजिद जिया की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय जांच टीम के समक्ष उपस्थित हुए थे।
एक दिन पहले शरीफ के बड़े पुत्र हुसैन नवाज शरीफ परिवार द्वारा लंदन में खरीदी गई संपत्तियों में धन संबंधी मामलों की सुनवाई में बचाव के लिए जेआईटी के समक्ष तीसरी बार पेश हुए थे।
जेआईटी के समक्ष पहली बार पेश होने के दौरान हुसैन ने जांच दल द्वारा किए गए सवालों के जबाव देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि जेआईटी की स्थिति का मामला विचाराधीन है और उन्होंने पहले ही उच्चतम न्यायालय के समक्ष इसके दो सदस्यों को हटाने संबंधी एक याचिका दाखिल की थी।
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने हुसैन की जेआईटी के दो सदस्यों को इस जांच दल से बाहर करने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया था।
दो सुनवाइयों के बाद प्रधानमंत्री के बड़े पुत्र ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने जेआईटी के सदस्यों द्वारा उनके समक्ष रखे गए सभी सवालों के जबाव दे दिए हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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