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बिजनेस

अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान दार्जिलिंग अशांत

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दार्जिलिंग, 13 जून (आईएएनएस)| गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा आयोजित उत्तरी पश्चिम बंगाल के पहाड़ी क्षेत्र में अनिश्चिलकालीन बंद के बीच मंगलवार को जीजेएम समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प होने से फिर से अशांति भड़क पैदा हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए और सुरक्षा बलों पर ईंट-पत्थर फेंके, जिससे पुलिस को चौक बाजार के पास भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।

मुख्य मार्गो पर पुलिस की कड़ी सुरक्षा से बचने के लिए जीजेएम कार्यकर्ताओं ने अपने को छोटे समूहों में बांटकर गलियों के रास्ते मुख्य सड़क पर पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें चौक बाजार के पास रोक लिया।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों और काउंटर इनसर्जेसी बल के साथ जिले के नव नियुक्त पुलिस अधीक्षक अखिलेश चतुर्वेदी सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सड़कों पर गश्त करते देखे गए।

चतुर्वेदी ने कहा, कार्यकर्ता हिंसक हो गए और हमारे सुरक्षा बलों पर चौक बाजार के पास पथराव करने लगे। लेकिन भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। हमें देखना होगा कि क्या कोई अधिकारी भी घायल हुआ है।

इस बीच पुलिस ने बीते गुरुवार को इलाके में हुई हिंसा के सिलसिले में जीजेएम शासित पहाड़ी क्षेत्र विकास इकाई, गोखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के सदस्य सतीश पोखरियाल को सोमवार रात गिरफ्तार किया।

दार्जिलिंग के सिंगमारी में जीजेएम पार्टी कार्यालय के बाहर बड़ा पुलिस बल तैनात किया गया है।

पश्चिम बंगाल पहाड़ी क्षेत्र में जीजेएम के अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर करीब एक हफ्ते से ज्यादा समय से विवाद जारी है।

जीजेएम ने राज्य सरकार पर पहाड़ी लोगों पर ‘मनमानी और अत्याचार करने’ का आरोप भी लगाया है।

इसके अलावा जीजेएम इलाके के नेपाली भाषी लोगों पर बंगाली थोपने के राज्य सरकार के प्रयास के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी पहाड़ी क्षेत्र के लिए ऐसी कोई योजना नहीं है।

दार्जिलिंग में राज्य सरकार के कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद बीते गुरुवार को पुलिस और मोर्चा कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक संघर्ष हुई, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल हो गए और कम से कम 50 पुलिस कर्मी घायल हो गए।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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