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बिजनेस

स्टॉक में रखे उत्पादों पर नई कीमतें प्रदर्शित करें : पासवान

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नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने बुधवार को उत्पादकों एवं वितरकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि स्टॉक में रखे उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बाद बदली हुई कीमतें प्रदर्शित करें, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। पासवान ने यहां पत्रकारों से कहा, हमने जीएसटी के बाद वस्तुओं की बदली हुई कीमतें उत्पादों पर तत्काल छापने से संबंधित एक आदेश जारी किया है। इस तरह हर उत्पाद पर दो कीमतें छपी होंगी – एक पहले की और दूसरी नई कीमतें। इसे 30 सितंबर तक करना होगा। इसके बाद वस्तुओं पर सिर्फ जीएसटी के बाद बदली हुई कीमतें ही छपी होंगी।

यह आदेश एक जुलाई तक न बिके उत्पादों के लिए है। उत्पादों पर जीएसटी के बाद बदली हुई कीमतें प्रदर्शित करने के लिए स्टैंप, स्टीकर या ऑनलाइन छपाई का उपयोग किया जा सकता है।

पासवान ने कहा कि मंत्रालय ने उत्पादकों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं द्वारा वस्तुओं की कीमतें अधिक वसूले जाने की शिकायतों के निपटारे के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर शुरू करने की योजना बनाई है।

पासवान ने कहा, अगर ग्राहक पाता है कि किसी वस्तु पर जीएसटी के बाद बदली हुई कीमत प्रदर्शित नहीं है, तो वह इस हेल्पलाइन के जरिए शिकायत दर्ज करा सकता है। शिकायत पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा पासवान ने निर्माता कंपनियों से समाचार पत्र में विज्ञापन के जरिए लोगों को वस्तुओं की बदली हुई कीमतों के बारे में सूचित करने का आग्रह भी किया।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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