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बिजनेस

बैंक ऑफ इंडिया को सितंबर अंत तक मुनाफे में आने की उम्मीद

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कोलकाता, 15 जुलाई (आईएएनएस)| बैंक ऑफ इंडिया को लगातार दो वित्त वर्षो से नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब कंपनी को उम्मीद है कि चालू वित्त की दूसरी तिमाही तक कंपनी मुनाफे में आ जाएगी। दूसरी तिमाही सितंबर में खत्म होगी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

बैंक ऑफ इंडिया को वित्त वर्ष 2016-17 में 1,558.34 करोड़ का नुकसान हुआ था, जबकि इससे पिछले साल वित्त वर्ष 2015-16 में यह नुकसान 6,089.21 करोड़ रुपये था।

उन्होंने कहा कि हालांकि बैंक ने पिछले दो वित्त वर्षो से नुकसान उठाया है, लेकिन उसकी परिचालन आय मजबूत बनी हुई है और उसका प्रोविजन कवरेज रेशियो 62 फीसदी रहा, जोकि फंसे कर्जो के मामले में उद्योग के स्तर से ज्यादा है।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों के फंसे हुए कर्जो के 12 सबसे बड़े कर्जदारों की पहचान करने के बारे में उन्होंने कहा, इन 12 बड़े कर्जदारों में से 10 खातों में हमारे बैंक का भी धन फंसा हुआ है और यह रकम 7,000-8,000 करोड़ रुपये की है।

आरबीआई ने 12 ऐसे खातों को चिन्हित किया है जिन पर प्रत्येक खातों पर 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज बकाया है और उन्हें बैंकों ने एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्तियों) के अंतर्गत रखा है। इन खातों पर बैंक दिवालिया घोषित कर संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई करने वाले हैं।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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