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अन्तर्राष्ट्रीय

इंडोनेशिया ने विवादित दक्षिण चीन सागर के हिस्से का नया नाम रखा

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जकार्ता, 16 जुलाई (आईएएनएस)| इंडोनेशिया अब विवादित दक्षिण चीन सागर के उत्तरी हिस्सों में पड़ने वाले अपने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र को ‘उत्तर नतुना सागर’ कहेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया ने यह कदम इस समुद्री क्षेत्र में चीन द्वारा क्षेत्र विस्तार की महत्वाकांक्षाओं के प्रतिरोध में उठाया है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, जकार्ता में शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में समुद्री संप्रभुता मामलों के उप मंत्री आरिफ हवास ओएग्रोसेनो ने इस क्षेत्र के बदले हुए नाम के साथ एक नए मानचित्र का अनावरण किया।

ओएग्रोसेनो ने इंडोनेशिया सरकारी समाचार एजेंसी अंतरा से कहा, हमें समुद्र के नाम को लगातार अपडेट रखने और सीमाओं के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ को रिपोर्ट करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, यह व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को यह जानने का मौका देगी कि वे किसके क्षेत्र से होकर गुजर रहे हैं।

इंडोनेशिया द्वारा नाम में परिवर्तन वाला यह क्षेत्र चीन द्वारा बनाए गए विवादित ‘नाइन डैश लाइन’ क्षेत्र में पड़ता है। यह चीन के द्वीपीय प्रांत हैनान के दक्षिण और पूर्व के सैंकड़ों मीटर तक फैला हुआ है।

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस विवादित समुद्र के पूरे क्षेत्र पर दावा करता है, लेकिन वियतनाम, ताइवान, फिलीपीन्स, ब्रुनेई और मलेशिया सभी अपने अपने समुद्री किनारों के पास वाले हिस्से पर अपना दावा करते हैं।

इंडोनेशिया पहला देश नहीं है, जिसने ‘दक्षिण चीन सागर’ के किसी हिस्से का का दोबारा नाम रखा है।

इससे पहले 2011 में फिलीपीन्स ने इस समुद्री क्षेत्र का नाम ‘पश्चिम फिलीपीन्स सागर’ रखा था और दो वर्ष बाद वह इस क्षेत्र के विवाद को हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ले गया था।

जुलाई 2016 में, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इस मामले में फिलीपीन्स के पक्ष में फैसला सुनाया था। न्यायालय ने माना था कि चीन को ‘दक्षिण चीन सागर’ के हिस्से पर अपना दावा जताने का कोई कानूनी आधार नहीं है।

चीन ने इस निर्णय को मजाक बताते हुए उसकी निंदा की थी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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