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इंदिरा खुद को पर्यावरणविद के तौर पर देखती थीं : जयराम रमेश

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नई दिल्ली, 23 जुलाई (आईएएनएस)| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने रविवार को कहा कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की लोग उनकी नीतियों के लिए आलोचना करते रहे हैं और उन्हें तानाशाह कहते रहे हैं, लेकिन लोग शायद ही जानते हों कि वह एक पर्यावरणविद और प्रकृतिवादी भी थीं।

पूर्व केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने फॉरेन करेस्पोंडेंट क्लब ऑफ साउथ एशिया में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इंदिरा गांधी पर लिखी अपनी किताब ‘इंदिरा गांधी : अ लाइफ इन नेचर’ का प्रचार करते हुए ये बातें कहीं।

इस पुस्तक को सिमोन एंड स्कस्टर इंडिया ने प्रकाशित किया है और 448 पृष्ठ की इस किताब की कीमत 799 रुपये रखी गई है।

इंदिरा गांधी के जन्म के 100 वर्ष पूरे होने पर जारी की गई यह पुस्तक पूर्व प्रधानमंत्री के पर्यावरणविद व्यक्तित्व की आत्मकथा जैसी है।

जयराम रमेश ने कहा, इंदिरा गांधी बिल्कुल भिन्न थीं। बहुत कम लोग पर्यावरण के प्रति उनके झुकाव के बारे में जानते हैं। वह अपनी इच्छा से राजनीति में नहीं आईं, बल्कि परिस्थितिवश उन्हें राजनीति अपनानी पड़ी। वह एक राजनीतिक परिवार में जन्मी थीं और राजनीति के प्रभाव में ही बड़ी हुईं।

जयराम रमेश ने बताया कि शांतिनिकेतन में रहते हुए शुरुआती दिनों में इंदिरा का झुकाव प्रकृति की तरफ हुआ। स्विट्जरलैंड में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान और अपनी मां के साथ पहाड़ों में रहने के दौरान वह प्रकृति के करीब आईं।

मौजूदा परिस्थितियों में अपनी पुस्तक की सामयिकता पर रमेश ने कहा कि भारत में पर्यावरण नियमन के लिए जो चार प्रमुख कानून हैं, उनके पीछे इंदिरा का ही दिमाग था।

ये चारों कानून हैं – वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972, जल (संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम-1974, वन संरक्षण अधिनियम-1980 और वायु (संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम-1981।

रमेश ने यह भी बताया कि 70 के दशक में कैसे इंदिरा गांधी दुनिया की अकेली नेता थीं, जिन्होंने पर्यावरण को वैश्विक एवं राजनीतिक मुद्दा बनाया।

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केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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