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बिजनेस

एसबीआई में बैंकों के विलय बाद यूनियनों में सदस्यों की संख्या बढ़ी

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चेन्नई, 13 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय स्टेट बैंकों में सहायक बैंकों के विलय के बाद से ज्यादातर यूनियनों की सदस्य संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टॉफ फेडरेशन (एआईएसबीआईएसएफ) के एक शीर्ष नेता ने यह जानकारी दी है। एआईएसबीआईएसएफ के महासचिव संजीव कुमार बंदलिश ने चंडीगढ़ से आईएएनएस को फोन पर बताया, विलय के बाद सहयोगी बैंकों के एआईबीईए के करीब 28,000 सदस्य हमारे यूनियन में शामिल हुए हैं। इससे पहले हमारे यूनियन की सदस्य संख्या 1,70,000 थी। अब हमें उम्मीद है कि यह बढ़कर 2,00,000 हो गई होगी।

बंदलिश नेशनल कनफेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लाई (एनसीबीई) के महासचिव भी हैं।

बंदलिश के मुताबिक, करीब 40,000 अवार्ड स्टॉफ (क्लास 3 और 4 के कर्मी) सहयोगी बैंकों से एसबीआई में शामिल हुए हैं।

एसबीआई में शामिल होने वाले बैंक हैं – स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद।

एआईएसबीआईएसएफ एसबीआई की सबसे बड़ी यूनियन है। वहीं, एआईबीईए के भी एसबीआई में बड़ी संख्या में सदस्य हैं।

बंदलिश ने कहा, विलय के बाद एसबीआई में एआईबीईए के करीब 40,000 कर्मी आए, जिसमें से 28,000 कर्मी हमारे यूनियन से जुड़े हैं।

उन्होंने कहा कि यूनियन के साथ बड़ी संख्या में सदस्यों का जुड़ना कोई नई बात नहीं है और न ही इसमें कोई चुनौती है।

उन्होंने कहा, एसबीआई बड़ी संख्या में लोगों की भर्तियां करता है और वे हमारे साथ भी जुड़ते हैं और अन्य यूनियनों के साथ भी जुड़ते हैं। इसमें कोई टकराव जैसी बात नहीं है, क्योंकि सभी पढ़े-लिखे लोग हैं और अपना फैसला खुद लेते हैं।

वहीं, दूसरी तरफ एआईबीईए के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने बंदलिश के दावे को बढ़चढ़कर कहा हुआ बताया।

वेंकटचलम ने कहा, यह सही है कि सहयोगी बैंकों से एसबीआई में आए एआईबीईए के सदस्य एआईएसबीआईएसएफ में शामिल हुए हैं। लेकिन यह संख्या इतनी बड़ी नहीं है। यह कोई बड़ी बात नहीं है। हमारे कई सदस्य हमारे पास दोबारा लौट के आते हैं।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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