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चीन ने पूछा, क्या रावत युद्ध संबंधी बयान देने के लिए ‘अधिकृत’ हैं

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बीजिंग, 7 सितम्बर (आईएएनएस)| चीन ने गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के युद्ध संबंधी बयान पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि क्या यह भारत सरकार की भी राय है और क्या वह इस प्रकार के बयान देने के लिए ‘अधिकृत’ हैं, वह भी ऐसे समय जब दो माह चले डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के नेताओं की सकारात्मक मुद्दों को लेकर बैठक हुई है।

जनरल रावत के बयान कि ‘भारत को दोनों मोचरे (चीन व पाकिस्तान) पर युद्ध के लिए तैनात रहना चाहिए’ पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, हमें यह नहीं पता कि क्या वह इन बातों को कहने के लिए अधिकृत हैं या फिर स्वत:स्फूर्त अचानक कहे गए शब्द हैं या फिर यह टिप्पणी भारत सरकार के रुख का प्रतिनिधित्व करती है?

रावत का बयान बुधवार को ऐसे समय आया है जब एक दिन पहले ही ब्रिक्स सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की थी और सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमति जताई थी।

रावत ने नई दिल्ली में चीन से संबंधित बयान दिया था, जहां तक हमारे उत्तरी विरोधी का सवाल है तो ताकत दिखाने का दौर शुरू हो चुका है। धीरे-धीरे भूभाग पर कब्जा करना और हमारी सहने की क्षमता को परखना हमारे लिए चिंता का सबब है। इस प्रकार की परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए जो धीरे-धीरे संघर्ष के रूप में बदल सकती है।

गेंग ने मोदी और शी के बीच द्विपक्षीय मुलाकात को याद करते हुए रावत के बयान पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि भारतीय मीडिया का एक धड़ा भी रावत के बयान पर ‘स्तब्ध’ है।

गेंग ने कहा, दो दिन पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत के प्रधानमंत्री से कहा था कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए विकास की संभावनाएं हैं और एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि ब्रिक्स सम्मेलन से इतर दोनों देशों के नेताओं के बीच दो माह तक चले डोकलाम विवाद के बाद घोषणा पत्र में सकारात्मक विकास पर बात हुई थी। हमें एक दूसरे को दुश्मन की तरह नहीं देखना चाहिए।

गेंग ने कहा कि मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के सतत विकास को बनाए रखकर चीन के साथ काम करने की इच्छा जाहिर की थी। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि यह सैन्य अधिकारी इन हालात को देखेंगे, भारत-चीन संबंध के विकास में योगदान देंगे और इस संबंध में कुछ और कहेंगे।

इस बीच, डोकलाम विवाद पर टिप्पणी करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा सीमा विवाद से भारत-चीन संबंधों पर असर पड़ा है लेकिन मोदी और शी के बीच सहमति बनने से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों को दोनों नेताओं के बीच बनी सहमति पर साथ काम करने की जरूरत है और संबंधों को पटरी पर लाने के लिए द्विपक्षीय संबंध बेहतर बनाने की जरूरत है। द्विपक्षीय संबंध बेपटरी नहीं होना चाहिए और दोनों देशों के बीच कोई भी विवाद नहीं उत्पन्न होना चाहिए।

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आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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