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उप्र में सरकारी गोशालाओं का हाल भयावह
लखीमपुर खीरी, 26 सितंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के सीतापुर, हरदोई समेत सभी जिलों के गोशालाओं का हाल बुरा है। इस मामले में लखीमपुर की हालत सबसे बुरी है। लखीमपुर खीरी में राज्य सरकार द्वारा संचालित एकमात्र गोशाला बजट, कर्मचारी, चारा और मूलभूत सुविधाओं की कमी से जूझ रही है। अधिकारियों ने कहा कि यह जिला गो-संकट झेल रहा है, यह बिना मशीनों के एक बूचड़खाने जैसा है।
सड़कों और खेतों में आवारा पशुओं के अतिक्रमण के कारण हाल ही में एक 17 वर्षीय लड़की की मौत हो गई जिसके बाद से सार्वजनिक और जिला अधिकारी सकते में हैं। वर्तमान समय में गायों और बैलों के लिए कोई स्थायी बंदोबस्त ना हाने के कारण वह सड़कों पर खुले आम घूम रहीं है जिसके कारण रोजना दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं।
राज्य पशुपालन अधिकारी के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों से गोशाला को एक रुपया नहीं मिला है। अधिकारियों ने आवारा बैलों या गायों को शरण देने से मना कर दिया है।
वास्तव में, गोशाला के प्रबंधक पिछले तीन सालों से अपने स्वयं के वेतन से चारा खरीद रहे हैं या दान पर निर्भर हैं।
गोशाला के प्रबंधक सुरेंद्र पाल ने आईएएनस को बताया, मुझे जानकारी मिली थी कि कुछ वर्षो पहले गोशाला के लिए सरकार ने 40 लाख रुपये स्वीकृत किए थे, लेकिन हमें एक रुपया नहीं मिला। पिछले महीने हमने चारे की सात ट्रालियां खरीदी थीं, मैंने अपने वेतन और दान में मिले रुपयों से उनका भुगतान किया था।
एक अन्य पशुपालन अधिकारी ने नाम न जाहिर न करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, जब हम जानवरों को गोशाला में भेजते हैं, तब हमें यह पता होता है कि वह जल्द ही नष्ट हो जाएगा, क्योंकि उनका पोषण करने के लिए धन मौजूद नहीं है। यह गोशाला बिना मशीन के बूचड़खाने जैसा है।
अधिकारी ने बताया, सीतापुर, हरदोई समेत सभी जिलों के गोशालाओं का यही हाल है। हालांकि, लखीमपुर की हालत सबसे बुरी है।
अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि स्थिति को और बुरा बनाने के लिए जिस जमीन पर गोशाला के जानवरों के चरने के लिए थी, उसे अब वन विभाग द्वारा हरे चारे को उगाने और बेचने के लिए दे दिया गया है। इसलिए ठेकेदार उस स्थानों को गायों के आश्रय के रूप में इस्तमाल करने की अनुमति नहीं देते हैं।
अधिकारी ने कहा, गोशालाओं को सरकार से चारा नहीं मिलता और जानवरों को उचित चारागाह भूमी पर चरने की अनुमति नहीं है।
सुरेंद्र पाल ने कहा, हाल ही में धौराहारा भाजपा की सांसद रेखा वर्मा ने यहां का दौरा किया था। उन्होंने मुझे आवारा गायों के लिए गोशाला के दरवाजों को खोलने लिए कहा। मैंने उन्हें कहा कि मुझे ऐसा करने में बहुत खुशी महसूस लेकिन पहले वह चारे की समस्या को खत्म करें।
हाल ही में सेवानिवृत्त हुए एक पूर्व राज्य पशुपालन अधिकारी रवि शंकर श्रीवास्तव ने कहा, हम हिंद हैं और महसूस करते हैं कि गायों को नहीं मारना चाहिए, लेकिन केवल पवित्र होने के कारण कोई गो-माता को पूज नहीं सकता। पशु वध पर रोक लगाने का परिणाम अब हमें सड़कों पर दिख रहा है। या तो सरकार को बुनियादी ढांचे को ठीक करना चाहिए या उन्हें उत्पादक बनाने का एक रास्ता खोजना चाहिए।
श्रीवास्तव ने सुझाव दिया, अंतिम संस्कार और अन्य अनुष्ठानों के लिए उपलों (गाय के गोबर से बने) का उपयोग करने के लिए बेहतर तरीका होगा। मुझे यकीन है कि तथाकथित संरक्षक गाय के एक पवित्र जानवर होने के विचार का लाभ उठाएंगे और यह लकड़ियों को भी बचाएगा।
नेशनल
पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।
स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,
एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ
कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी
डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।
On the move again, embarking on an exciting 4 nation book tour! 🇮🇳Looking forward to connecting with the vibrant Indian diaspora, celebrating India’s immense potential, and engaging in meaningful conversations. This journey is not just about a book; it’s about storytelling,… pic.twitter.com/dovNotUtOf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) November 20, 2024
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