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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान में अमेरिकी बल आईएस की मदद कर रहे : करजई

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काबुल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा है कि अमेरिकी सैन्य और खुफिया एजेंसियों की निगरानी में पिछले तीन-चार सालों के दौरान आतंकवादी संगठन, इस्लामिक स्टेट (आईएस) उनके देश में उभर कर सामने आया है।

लंदन में ‘रशिया टुडे’ के साथ एक साक्षात्कार में करजई ने कहा कि उन्हें संदेह है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी अड्डों का इस्तेमाल आईएस की सहायता के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, अफगानिस्तान के कई हिस्सों में सैन्य हेलीकाप्टरों द्वारा आईएसए को आपूर्ति किए जाने की दैनिक खबरें मुझे अफगानी लोगों से मिली हैं।

करजई ने कहा कि 9/11 से आज तक, अरबों डॉलर खर्च करने के बावजूद अफगानिस्तान में चरमवाद सिर उठाए हुए है।

उन्होंने कहा कि अफगानी लोग पूछते हैं कि अगर अमेरिका अफगानिस्तान में आतंकवाद को हराने के लिए आया था, तो आज वह इतना अधिक क्यों है?

करजई ने कहा, हम नहीं चाहते हैं कि हमारे देश में विशाल, विनाशकारी हथियारों से बमबारी करनी चाहिए। हम शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी बलों द्वारा एमओएबी (बमों का बाप) का इस्तेमाल उत्तर कोरिया को अमेरिकी शक्ति का अंदाजा कराने का एक संकेत था, लेकिन यह अफगान लोगों पर एक क्रूरता थी।

इस साल 13 अप्रैल को अमेरिका ने पूर्वी अफगानिस्तान में आईएस द्वारा उपयोग किए जाने वाले एक सुरंग परिसर पर अपने एक सबसे बड़े गैर-परमाणु बम को गिराया था। अफानिस्तान में इस तरह के हथियार का इस्तेमाल पहली बार किया गया था।

उन्होंने कहा, विशेष रूप से विदेशी सेनाओं द्वारा सैन्य कार्रवाई, शांति नहीं लाएगी। अफगानों को समझौते की तलाश के लिए तालिबान समेत सभी लोगों तक पहुंच बनाने के लिए आम सहमति तैयार करने की जरूरत है।

पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका को शांति लाने के लिए चीन, रूस, पाकिस्तान समेत भारत में सहकारी साझेदार बनने की जरूरत है।

पाकिस्तान के संबंध में करजई ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान के साथ मिलकर रहना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ उनके रिश्ते में दो मजबूत विरोधाभास हैं, जब हम शरणार्थी बने, तो पाकिस्तानी लोगों ने हमारा स्वागत किया। लेकिन उन्होंने मुजाहिदीन (सोवियत के खिलाफ) का समर्थन करने का खतरनाक काम किया, जिसने हमारे समाज को कमजोर कर दिया।

करजई ने कहा कि उन्हें लगता है कि क्षेत्र के लिए नई अमेरिकी नीति में एक अमानवीय उद्देश्य के लिए अमेरिका पाकिस्तान का इस्तेमाल उसके पड़ोसी देश के खिलाफ करेगा। उन्होंने कहा कि वह पाकिस्तान के साथ इसलिए हाथ मिलाना चाहते हैं, ताकि हम इस गहरी साजिश से बच सकें।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पूर्वी युगांडा में भूस्खलन से 13 लोगों की मौत, 40 घर नष्ट

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पूर्वी युगांडा। पूर्वी युगांडा में भूस्खलन के कारण छह गांवों में 40 घर नष्ट हो गए और कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई. राहत अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. युगांडा रेडक्रॉस सोसाइटी ने कहा कि 13 शव बरामद कर लिए गए हैं और बचाव कार्य जारी है.

स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या 30 तक हो सकती है. बुधवार रात भारी बारिश के चलते पर्वतीय जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ।

बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मृतकोंकी संख्या बढ़कर 30 तक हो सकती है। बुधवार रात भारी बारिश के बाद पहाड़ी जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ। यह जिला राजधानी कंपाला से लगभग 280 किलोमीटर पूर्व में है। हालात बेहद भयावह नजर आ रहे हैं।

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