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अन्तर्राष्ट्रीय

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ : अमेरिका

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नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)| अमेरिका ने बुधवार को कहा कि वह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कंधे के साथ कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा और आतंकवाद के सुरक्षित पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भारत दौरे पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमेरिका एक अग्रणी शक्ति के रूप में उभरते भारत का समर्थन करता है और भारत के सैन्य आधुनिकीकरण के लिए उसे उन्नत प्रौद्योगिकी देने को तैयार है।

टिलरसन ने कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग जारी रखेंगे।

टिलरसन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में दक्षिण एशिया के लिए एक नई नीति की घोषणा की थी, जो अफगानिस्तान के प्रति और इसके साथ ही दक्षिण एशियाई क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराती है।

उन्होंने कहा, इस प्रयास में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा। आतंकवाद के पनाहगाहों को बर्दाश्त नहीं किया जाएग।

टिलरसन ने कहा कि वह पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के लिए भारतीय क्षमताओं में योगदान देते रहेंगे।

उन्होंने कहा, इसके मद्देनजर हम भारत के सैन्य आधुनिकीकरण के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियां उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। इसमें एफ-16 और एफ-18 लड़ाकू विमानों के लिए अमेरिकी उद्योग की ओर से महत्वकांक्षी प्रस्ताव शामिल हैं।

टिलरसन ने पिछले महीने अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस की भारत का यात्रा का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, वह (मैटिस) और मैं अगले साल की शुरुआत में होने वाली टू-प्लस-टू वार्ता के लिए उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा, हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं क्योंकि हम दोनों ही वाणिज्य में नियम आधारित रुख और आर्थिक विकास के लिए पारदर्शी और सतत नजरिए को बढ़ावा देते हैं। हम इस प्रयास में अपने करीबी सहयोगी जापान का साथ पाकर खुश हैं। तीनों देशों की सेनाएं हिंद महासागर क्षेत्र में वार्षिक मालाबार अभ्यास में भाग लेती हैं, चीन जिसे संदेह भरी नजर से देखता है।

टिलरसन ने साथ ही कहा कि भारत अफगास्तिान के विकास में भारत के योगदान को तहेदिल से मानता है।

टिलरसन ने कहा कि दोनों देशों का 70 साल से भी ज्यादा समय से करीबी संबंध रहा है।

उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों के अनुसार हम स्वाभाविक साझेदार हैं। हम उनकी दोस्ती और भारत-अमेरिका के करीबी रिश्ते के उनके दृष्टिकोण के आभारी हैं। निसंदेह हमारा भी यही दृष्टिकोण है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।

इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।

जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।

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