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लोकप्रियता के शिखर पर पहुंची उपेक्षित खिचड़ी

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नई दिल्ली, 5 नवंबर (आईएएनएस)| खिचड़ी का नाम सुनकर अब नाक-भौंह सिकोड़ने की आदत बदलनी पड़ेगी, क्योंकि खिचड़ी विश्व रिकॉर्ड बनाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज करा चुकी है।

सरकार इसे राष्ट्रीय आहार का दर्जा देने पर विचार भी कर सकती है। सीधे शब्दों में कहा जाए तो अब इस शोषित, दलित खिचड़ी का सशक्तिकरण हो चुका है।

जब से सरकार ने खिचड़ी को राष्ट्रीय आहार का दर्जा दिए जाने का ऐलान किया है, सत्ता के गलियारों से लेकर आमजन के बीच यह एकाएक पॉपुलर हो गई है। हालांकि, कुछ लोग इसे मोदी सरकार का एक और मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं तो ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जो जुमलों की मारी इस सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

राजधानी में तीन दिवसीय विश्व खाद्य सम्मेलन में उमड़ी भीड़ यह जानने को उत्सुक दिखी कि आखिर इस खिचड़ी में सरकार को ऐसी क्या बात लगी कि इसे वह वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने पर तुली हुई है। जिस समय यह खिचड़ी विश्व रिकॉर्ड बना रही थी, उस समय इस पल का गवाह बनने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी। इसी भीड़ में खड़े सुमित सिंह कहते हैं, ‘खिचड़ी खाए एक अर्सा हो गया है, जब यह खबर सुनी कि सरकार खिचड़ी को लोकप्रिय बनाने की कवायद में है तो मैं सोचने लगा कि खिचड़ी ही क्यों, हलवा भी तो हो सकता था।

सुमित के ही दोस्त हिमांशु कहते हैं, खिचड़ी बीमार लोगों का खाना है, जब घर में कोई बीमार पड़ता है तो डॉक्टर खिचड़ी खाने की सलाह देते हैं, खिचड़ी शौक से नहीं मन मारकर खाई जाती है। मोदी सरकार सुर्खियों में बने रहने के लिए इस तरह के एक्सपेरिमेंट करती है।

यकीनन बर्गर और पिज्जा के दीवाने युवा खिचड़ी खाने से नाक और भौंहे सिकोड़ते दिखाई दिए, लेकिन ऐसे लोगों की भी कमी नहीं थी, जो खिचड़ी चाव से खाते हैं और इससे फायदे गिनाने से भी पीछे नहीं रहते। खिचड़ी की दीवानी हिमा माथुर कहती हैं, खिचड़ी के नाम पर मत जाइए, यह पौष्टिक है, जल्दी पकती है और हर घर में खाई जाती है। चाहे आपको यह अच्छी लगे या नहीं, लेकिन इसके गुणों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

दिवाकर संधू गजब अंदाज में कहते हैं, खिचड़ी एक पौष्टिक भोजन है। यह हर तबके, हर धर्म के लोगों के घर में बनती है। सरकार इसे अंतर्राष्ट्रीय पहचान देना चाहती है तो इसमें गलत क्या है। दबी-कुचली खिचड़ी को सशक्त किया जा रहा है।

इंडिया गेट पर एक साथ एक ही बर्तन में 918 किलोग्राम खिचड़ी बनाने वाली टीम की अगुवाई करने वाले जाने-माने शेफ संजीव कपूर भी खिचड़ी चाव से खाते हैं। उन्होंने इस दौरान कहा, खिचड़ी देश के लगभग हर कोने में खाई जाती है, बस अंतर इतना है कि इसके स्वरूप में अंतर आता चला जाता है। दक्षिण भारत में कई मंदिरों में तो इसका भोग तक लगता है।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर ने एक बयान में कहा था, खिचड़ी को विश्वस्तर पर लोकप्रिय बनाने की कोशिश है, क्योंकि यह विविधता में एकता की भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।

खिचड़ी पर मचे घमासान के बीच कुछ महीने पहले हुआ एक वाकया याद आता है, जब विश्वप्रसिद्ध शेफ गॉर्डन रामसे ने प्रियंका चोपड़ा की बनाई खिचड़ी की तुलना कुत्ते के भोजन से करते हुए कहा था कि यह देखने में ‘डॉग फूड’ जैसा दिखता है। रामसे को समझना होगा कि उनकी नजर में यह ‘डॉग फूड’ अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान बन चुका है।

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नेशनल

आज शाम दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय जाएंगे पीएम मोदी, कार्यकर्ताओं को करेंगे संबोधित

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मुंबई। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव के परिणाम शनिवार को सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में जहां बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है तो वहीं झारखंड में परिणाम बीजेपी को निराश करने वाले हैं। महाराष्ट्र में अकेले भाजपा 131 सीटों पर आगे है। वहीं कुल 221 सीटें पर महायुति आगे है। झारखंड की बात की जाए यहां पर JMM गठबंधन आगे चल रहा है। इस समय वह 49 सीटों पर आगे है।विभिन्न राज्यों में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी भाजपा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा की इस जीत से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गदगद नजर आ रहे हैं।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे पीएम

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार की शाम को दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी के मुख्यालय पर जाएंगे। शाम में पीएम मोदी महाराष्ट्र में भाजपा+ की जीत और उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद भी पार्टी के मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित किया था।

वहीं, शुरूआती रुझानों से उत्साहित भाजपा सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि महायुति अपने विकास कार्यों के कारण महाराष्ट्र में शानदार तरीके से सत्ता में वापस आ रही है। महाराष्ट्र चुनाव इस बात की लड़ाई थी कि जनता का जनादेश ‘विचार की विरासत’ को मिलेगा या ‘परिवार की विरासत’ को। महाराष्ट्र की जनता ने ‘विचार की विरासत’ को चुना और ‘परिवार की विरासत’ को हराया। झारखंड में अभी तक नतीजे हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं आए हैं। महाराष्ट्र के सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि अंतिम परिणाम आने दें। फिर, जिस तरह से हमने एक साथ चुनाव लड़ा था, उसी तरह सभी तीन पार्टियां एक साथ बैठेंगी और निर्णय लेंगी कि सीएम कौन होगा।

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