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एनटीपीसी हादसा भाजपा सरकार की लापरवाही का नतीजा : मायावती
लखनऊ, 6 नवम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को आरोप लगाया कि रायबरेली के ऊंचाहार में स्थित एनटीपीसी संयंत्र में हुआ हादसा भाजपा सरकार की घोर लापरवाही का नतीजा है। हालांकि एनटीपीसी में हादसा बुधवार को हुआ था, लेकिन मायावती ने पांच दिन बाद यह बयान जारी कर इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
मायावती ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, प्रदेश सरकार जनहित और जनकल्याण के मामले में घोर लापरवाह बनी हुई है। अस्पतालों में इलाज के अभव में हजारों लोग रोज अपनी जान गंवा रहे हैं।
मायावती ने आरोप लगाया, रायबरेली में एनटीपीसी संयंत्र में भयानक विस्फोट और उसमें व्यापक जान-माल की हानि भाजपा सरकारों की घोर आपराधिक लापरवाही का नतीजा है। केंद्र और राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों व गलत कार्यप्रणली के कारण इंसान की जान की कीमत जानवरों से भी सस्ती हो गई है।
मायावती ने एनटीपीसी हादसे में मारे गए 32 लोगों और दर्जनों घायलों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा, सरकार के मंत्री केवल विवादित और गैर जिम्मेदाराना बयान देने में ही व्यस्त हैं। प्रदेश में कानून-व्यवस्था के मामले में भी भाजपा सरकारों की कोताही से जनता का जीवन दूभर होता जा रहा है।
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दिल्ली में सांस लेना है कितना खतरनाक, देखें इस खबर को
नई दिल्ली। दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार सुबह 6 बजे दिल्ली के अधिकतर इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 400 के करीब दर्ज किया गया. जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. आज दिल्ली के अलीपुर में AQI 362, आनंद विहार में 393, जहांगीरपुरी में 384, मुंडका में 396, नरेला में 383, नेहरू नगर में 362, पंजाबी बाग में 370, शादीपुर में 398, रोहिणी में 381 और विवेक विहार में 395 दर्ज किया गया. वायु प्रदूषण के कारण कई लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन की परेशानी हो रही है.
जीवन के 12 साल छीन रहा वायु प्रदूषण
बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को अच्छा माना जाता है। वहीं 51 से 100 एक्यूआई को संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बहुत खराब और 401-500 के बीच एक्यूआई को गंभीर श्रेणी का माना जाता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली का प्रदूषण लोगों के जीवन के 12 साल उनसे छीन रहा है। वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि दिल्ली के वायु प्रदूषण में एक दिन सांस लेने का मतलब है दिन भर में 10 से अधिक सिगरेट के बारबर धुएं को अपने शरीर में लेना। बता दें कि दिल्ली के वायु प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट भी सख्त है।
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