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अन्तर्राष्ट्रीय

ट्रंप ने पाकिस्तान को हाफिज सईद की रिहाई का खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी

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न्यूयॉर्क, 26 नवंबर (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि जमात-उद-दावा के नेता हाफिज सईद की रिहाई का खामियाजा द्विपक्षीय संबंधों को भुगतना पड़ेगा।

ट्रंप की प्रेस सचिव सारा हकाबी सैंडर्स ने शनिवार को बयान जारी कर कहा, अमेरिका सईद की नजरबंदी से रिहाई की कड़ी आलोचना करता है और उसकी तुरंत दोबारा गिरफ्तारी की मांग करता है।

बयान के मुताबिक, यदि पाकिस्तान सईद पर कानूनी रूप से कार्रवाई नहीं कर सकता और उसके अपराधों के लिए उस पर अभियोग नहीं लगा सकता तो पाकिस्तान की निष्क्रियता का खामियाजा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों और पाकिस्तान की वैश्विक प्रतिष्ठा को भुगतना पड़ेगा।

ट्रंप की यह ताजा चेतावनी सईद की रिहाई पर केंद्रित है।

सैंडर्स ने बयान में कहा, पाकिस्तान द्वारा सईद पर अभियोग लगाने में असफल रहने के बाद सईद की रिहाई से अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को लेकर गलत संदेश गया है और पाकिस्तान के वे दावे झूठे साबित हुए हैं, जिसमें पाकिस्तान ने कहा था कि वह अपनी धरती का उपयोग आतंकवादियों को पनाह देने के तौर पर नहीं करने देगा।

सैंडर्स के मुताबिक, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशिया नीति स्पष्ट है कि अमेरिका, पाकिस्तान के साथ रचनात्मक संबंध चाहता है लेकिन इसके साथ ही वह पाकिस्तानी धरती पर मौजूद आतंकवादियों और आतंकवादी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जाने की उम्मीद करता है। सईद की रिहाई गलत दिशा में उठाया गया कदम है।

बयान के मुताबिक, अमेरिका ने लश्कर-ए-तैयबा को एक विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जो आतंकवादी हमलों में कई निर्दोष लोगों की मौत का जिम्मेदार है। इन पीड़ितों में कई अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं।

बयान के मुताबिक, सईद खुद एक कुख्यात आतंकवादी है, जो 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है, जिसमें छह अमेरिकी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हो गई थी।

विदेश विभाग ने शुक्रवार को हाफिज सईद की रिहाई की निंदा की थी। सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर की ईनामी राशि रखी है।

अमेरिका ने हाफिज सईद की दोबारा गिरफ्तारी की मांग की है।

अदालत द्वारा सईद की हिरासत बढ़ाने से इनकार के बाद पाकिस्तान सरकार ने सईद की नजरबंदी से रिहाई के आदेश दिए थे।

राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख रखने वाले डोनाल्ड ट्रंप के जनवरी में पद संभालने के बाद पाकिस्तान ने सईद को नजरबंद कर दिया था। पाकिस्तान अभी तक सईद पर आतंकवाद के अभियोग लगाने में सफल नहीं हुआ है।

साल 2008 में अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को विशेष तौर पर नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था और उस पर प्रतिबंध लगाए थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून

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ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।

क्या होगा कानून

इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।

विधेयक पर तीखी बहस

ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा। ​

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