Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

मोदी, ट्रंप ने वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन के आयोजन पर संतुष्टि जताई

Published

on

Loading

वाशिंगटन, 2 दिसंबर (आईएएनएस)| अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर बातचीत कर पिछले महीने हैदराबाद में हुए वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन के सफल आयोजन पर संतुष्टि जाहिर की। इस दौरान ट्रंप की बेटी और उनकी वरिष्ठ सलाहकार इवांका ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने तीन दिवसीय कार्यक्रम में शिरकत की।

इस कार्यक्रम का विषय ‘महिला, सभी के लिए पहली प्राथमिकता’ था।

मोदी के जून में हुए अमेरिका दौरे के दौरान ही वैश्विक उद्यमिता सम्मेलन में इवांका के शिरकत करने का ऐलान हो गया था।

मोदी ने 28 नवंबर को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया था।

इस कार्यक्रम में 150 देशों के निवेशकों और उद्यमियों सहित लगभग 1,500 प्रतिनिधिमंडल ने हिस्सा लिया था। इसमें आधे से अधिक महिलाएं थीं।

विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नॉअर्ट ने संवाददाताओं को बताया कि यह सम्मेलन सफल रहा। इस दौरान दुनियाभर के 1500 उद्यमियों ने हिस्सा लिया।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून

Published

on

Loading

ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।

क्या होगा कानून

इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।

विधेयक पर तीखी बहस

ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा। ​

Continue Reading

Trending