Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका : रिपब्लिकन कर सुधार विधेयक को अमेरिकी सीनेट की मंजूरी

Published

on

Loading

वाशिंगटन, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी सीनेट ने शनिवार को कई बदलावों के साथ रिपब्लिकन कर सुधार विधेयक को मंजूरी दे दी। सीएनएन की खबर के मुताबिक, 51 वोट विधेयक के पक्ष में पड़े, जबकि 49 विरोध में। टेनेसी के सीनेटर बॉब कॉकर ने सभी 48 डेमोक्रेट के साथ मिलकर विधेयक के खिलाफ वोट दिया।

उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने घोषणा की, कर कटौती और रोजगार अधिनियम को संशोधित कर मंजूरी दे दी गई है। इस घोषणा के बाद रिपब्लिकन सांसदों ने तालियां बजाकर नए विधेयक का स्वागत किया।

विधेयक को अब सीनेट/प्रतिनिधि सभा में चर्चा के लिए भेजा जाएगा।

द हिल पत्रिका की रपट के मुताबिक, शुक्रवार रात वित्तीय मामलों की सीनेट समिति के अध्यक्ष ऑरिन हैच द्वारा जारी किए गए ‘स्थानापन्न संशोधन’ में हुए बदलाव से कारोबारी आय में कटौती 17.4 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गई है।

479 पृष्ठों वाले विधेयक के इस नए संस्करण को अंतिम मतदान से ठीक पहले जारी किए जाने की डेमोक्रेट्स ने आलोचना की, क्योंकि इसकी समीक्षा के लिए पर्याप्त समय नहीं था।

डेमोक्रेट को विधेयक की प्रति शुक्रवार को ही प्राप्त हुई थी, जिसमें हाथ से लिखे संशोधन पाए गए थे।

रिपब्लिकन नेता गुरुवार रात और शुक्रवार सुबह विधेयक के लिए समर्थन प्राप्त करने को लेकर भागमभाग करते रहे। दरअसल इस साल के शुरुआत में स्वास्थ्य देखभाल विधेयक पर मिली असफलता से बचने की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं को डर था कि कहीं उन्हें इस बार भी खाली हाथ न रहना पड़े।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास, पूरी तरह समझे कानून

Published

on

Loading

ब्रिटेन। इच्छामृत्यु को लेकर कई देशों में वाद-विवाद है, भारत में इच्छामृत्यु संबंधी कानून सक्रिय और निष्क्रिय इच्छामृत्यु के बीच अंतर करता है। देश में (India) घातक यौगिकों के प्रशासन सहित सक्रिय इच्छामृत्यु के रूप अभी भी अवैध हैं। लेकिन एक वक्त पर भारत पर राज करने वाले ब्रिटेन (Britain) ने इच्छामृत्यु को कानूनी दर्जा देने के लिए ब्रिटिश संसद में बिल पास कर दिया है। ब्रिटेन का ये विधेयक गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी जीवन प्रत्याशा 6 महीने से कम है, वे अपनी इच्छा से खुद का जीवन खत्म कर सकते हैं। ये पूरी तरह से कानूनी होगा।

क्या होगा कानून

इस विधेयक के मुताबिक इसे लागू करने के लिए दो स्वतंत्र डॉक्टर्स और एक हाईकोर्ट के जज की सहमति भी जरूरी होगी। हालांकि मरीज को इच्छामृत्यु के इस फैसले के लिए मानसिक रूप से पहले सक्षम माना जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वो किसी दबाव में तो नहीं। इसके अलावा मरीज को 2 बार अपनी मरने की इच्छा भी जतानी होगी। जिसके बीच कम से कम 7 दिनों का अंतर होना चाहिए।

विधेयक पर तीखी बहस

ब्रिटेन की संसद में इस बिधेयक को लेकर तो बहस हुई ही साथ ही अब जनता भी दो धड़ों में बंटी हुई दिखाई दे रही है। संसद में इस बिल के समर्थकों ने इसे मरीज का दर्द खत्म करने और गरिमा के साथ मौते देने का विकल्प बताया तो विरोधी पक्ष ने इसे कमजोर और बीमार लोगों के लिए जोखिम भरा बताया और इसके दुरुपयोग की संभावना जताई। बता दें कि ये विधेयक भले ही संसद से पास हो गया हो लेकिन इसे कानून बनने के लिए और भी समीक्षा प्रक्रियाओं से गुजरना होगा। इसके बाद ही कानून का रूप ले पाएगा। अब विपक्ष समेत आधी जनता के विरोध को देखते हुए जानकारों का मानना है कि शायद ही ये विधेयक इतनी आसानी से कानून का रूप ले पाएगा। ​

Continue Reading

Trending