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अन्तर्राष्ट्रीय

नववर्ष के दिन भारत में 69,000 से ज्यादा बच्चे जन्मे : यूनिसेफ

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संयुक्त राष्ट्र, 2 जनवरी (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के एक अनुमान के मुताबिक, नए साल के दिन करीब 386,000 बच्चे पैदा हुए और 69,070 बच्चों के साथ भारत सूची में पहले स्थान पर रहा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ न्यूज के मुताबिक, 90 फीसदी से ज्यादा बच्चे कम विकसित क्षेत्रों में पैदा हुए।

यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर आधे से ज्यादा बच्चों का जन्म इन नौ देशों- भारत (69,070), चीन (44,760), नाइजीरिया (20,210), पाकिस्तान (14,910), इंडोनेशिया (13,370), अमेरिका (11,280), कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (9,400), इथियोपिया (9,020) और बांग्लादेश (8,370) में हुआ। हालांकि इनमें से कुछ बच्चे पहले दिन भी नहीं जी पाते।

एक अनुमान के मुताबिक, साल 2016 में साल के हर पहले 24 घंटों में 26,00 बच्चों की मौत हो जाती है। यूनिसेफ ने कहा कि लगभग 20 लाख नवजात बच्चों के लिए उनका पहला सप्ताह उनका आखिरी सप्ताह भी होता है।

26 लाख बच्चों की मौत अपने पहले महीने के खत्म होने से पहले हो जाती है। उनमें से 80 फीसदी बच्चों की मौत समय पूर्व जन्म, प्रसव के दौरान समस्या होने और सेप्सिस और न्यूमोनिया जैसे संक्रमण से हो जाती है।

पिछले दो दशक से ज्यादा समय में दुनिया ने बच्चों के बचने के मामले में अप्रत्याशित प्रगति देखी है। दुनियाभर में संयोग से अपने पांचवें जन्मदिन के पहले मरने वाले बच्चों की संख्या 56 लाख रही।

लेकिन इन प्रगति के बावजूद, नवजात बच्चों के मामले में धीमी प्रगति हुई है। पांच साल से कम आयु में मरने वाले बच्चों के मुकाबले पहले महीने में 46 फीसदी बच्चों की मौत हो जाती है।

यूनिसेफ अगले महीने ‘एवरी चाइल्ड अलाइव’ नाम का एक वैश्विक अभियान शुरू करेगा। इसका मकसद हर मां और नवजात के लिए सस्ती प्रसव सुविधाएं, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल समाधान की मांग करना है।

इन समाधानों में स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छ जल और बिजली की लगातार आपूर्ति, जन्म के दौरान एक कुशल स्वास्थ्य परिचर्या की उपस्थिति, गर्भनाल की नसों को काटना, जन्म के पहले घंटे के भीतर स्तनपान कराना और मां और बच्चे के बीच ‘स्किन टू स्किन’ संपर्क कराना शामिल हैं।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पूर्वी युगांडा में भूस्खलन से 13 लोगों की मौत, 40 घर नष्ट

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पूर्वी युगांडा। पूर्वी युगांडा में भूस्खलन के कारण छह गांवों में 40 घर नष्ट हो गए और कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई. राहत अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. युगांडा रेडक्रॉस सोसाइटी ने कहा कि 13 शव बरामद कर लिए गए हैं और बचाव कार्य जारी है.

स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मरने वालों की संख्या 30 तक हो सकती है. बुधवार रात भारी बारिश के चलते पर्वतीय जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ।

बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

स्थानीय मीडिया ने बताया कि अधिकारियों को आशंका है कि मृतकोंकी संख्या बढ़कर 30 तक हो सकती है। बुधवार रात भारी बारिश के बाद पहाड़ी जिले बुलाम्बुली में भूस्खलन हुआ। यह जिला राजधानी कंपाला से लगभग 280 किलोमीटर पूर्व में है। हालात बेहद भयावह नजर आ रहे हैं।

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