बिजनेस
भारत में 10 चीनी मोबाइल कंपनियों की तूती बोलती है
नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| भारतीय स्मार्टफोन बाजार दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता स्मार्टफोन बाजार है और यहां किफायती और मध्यम खंड के मोबाइल फोन बाजार में 10 ऐसी चीनी कंपनियां हैं, जिनकी तूती बोलती है।
कुछ साल पहले हाल हालांकि यह था कि चीनी मोबाइल फोन का नाम सुनते ही लोग मुंह बिचकाते थे, लेकिन अब चीनी कंपनियों के फोन का मतलब गुणवत्ता और उत्कृष्टता है। कई चीनी कंपनियां तो अब भारत में ही अपने स्मार्टफोन बनाती हैं। चीनी कंपनियों ने भारत में मोबाइल फोन बनाने की शुरुआत साल 2015 से की थी।
वे 10 प्रमुख चीनी कंपनियां, जो भारत में ही भारतीय और वैश्विक बाजारों के लिए स्मार्टफोन बनाती हैं :
श्याओमी : देश में मध्यम खंड में सबसे ज्यादा फोन इसी कंपनी के बिकते हैं। खासतौर से रेडमी नोट 4 और रेडमी 4 मॉडल देश का सबसे ज्यादा बिकनेवाला मॉडल है। कंपनी की आंध्र प्रदेश की श्रीसिटी में विनिर्माण इकाई है, जहां वह मेड इन इंडिया स्मार्टफोन्स का निर्माण करती है। श्याओमी ने भारतीय बाजार में साल 2014 के जुलाई में ई-मार्केटप्लेस फ्लिपकार्ट के माध्यम से प्रवेश किया था। उसके बाद कंपनी साल 2015 से अपने स्मार्टफोन का निर्माण भारत में करना शुरू कर दिया।
श्रीसिटी आंध्र प्रदेश का एक नियोजित एकीकृत बिजनेस सिटी है, जहां कई मध्यम दर्जे के उद्योग स्थापित हैं। कंपनी जल्द ही भारत में सबसे लोकप्रिय रेडमी नोट 4 का आगामी संस्करण रेडमी नोट 5 लांच करने वाली है।
लेनोवो : चीन की कंपनी लेनोवो एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका मुख्यालय बीजिंग के अलावा अमेरिका के नॉर्थ कैरोलीना में है। कंपनी स्मार्टफोन के अलावा पर्सनल कंप्यूटर, टैबलेट, वर्कस्टेशन, सर्वर और इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइसों का निर्माण करती है।
लेनोवो का कारोबार भारत समेत दुनिया के 60 देशों में फैला हुआ है और कंपनी के उत्पादों की बिक्री 160 देशों में की जाती है। साल 2014 के जनवरी में लेनोवो ने गूगल से उसका ब्रांड ‘मोटोरोला’ खरीद लिया था और अब कंपनी अपने ब्रांड के साथ ही मोटोरोला ब्रांड के स्मार्टफोन, स्मार्ट वॉचेज का निर्माण करती है।
यह कंपनी भारत में तमिलनाडु के चेन्नई के नजदीक श्रीपेरुं बुदूर में अपने स्मार्टफोन का निर्माण करती है। यहां मोटोरोला और लेनोवो दोनों ब्रांड के स्मार्टफोन बनाए जाते हैं। लेनोवो के ‘के’ सीरीज और ‘पी’ सीरीज के स्मार्टफोन भारत में काफी लोकप्रिय हैं। वहीं, मोटोरोला के ‘जे’ सीरीज, ‘एक्स’ सीरीज, ‘ई’ सीरीज, ‘जी’ सीरीज और ‘सी’ सीरीज के स्मार्टफोन भारत में लोकप्रिय हैं। कंपनी इसके अलावा मोटो 360 स्मार्टवॉच भी बनाती है।
ओप्पो : चीन के गुआंगडोंग प्रांत के डोंगुआन की कंपनी ओप्पो भारत में अपने फोन का निर्माण उत्तर प्रदेश के नोएडा में करती है। इसके अलावा कंपनी ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक पार्क में भी अपनी नई फैक्ट्री खोलने की तैयारियों में जुटी है। कंपनी भारत में इंडियन प्रीमियर लीग की प्रायोजक भी है। ओप्पो के भारत में बिकने वाले प्रमुख मॉडल हैं- वी 7, वी 7 प्लस, वी 5 एस, वी 5 प्लस, वाई 69 और वाई 66।
वीवो : वीवो की फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में है और कंपनी जल्द ही यहां अपनी दूसरी फैक्ट्री भी शुरू करने जा रही है। वीवो फिलहाल इंडियन प्रीमियम लीग की स्पांसर है। कंपनी के भारतीय बाजार में उपलब्ध मॉडलों में ओप्पो एफ1एस, ओप्पो एफ1प्लस, ओप्पो एफ1यूथ और ओप्पो ए 37 शामिल है। पिछले कुछ महीनों में वीवो और चीन की एक अन्य कंपनी ओप्पो को स्मार्टफोन भारतीय बाजार में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं। दोनों ही कंपनियां अपने सेल्फी केंद्रित फोन के लिए जानी जाती है।
हुआवेई : चीन के गुआंगडोंग प्रांत के शेनझेन की इस कंपनी की फैक्ट्री तमिलनाडु के चेन्नई में है और कंपनी बेंगलुरू में अपना नया शोध व विकास केंद्र खोला है। हुआवेई ने 80 के दशक से दूरसंचार उपकरणों का निर्माण शुरू किया था और दूरसंचार कंपनियों के लिए मोबाइल नेटवर्क उपकरण बनाने के लिए जानी जाती है। कंपनी का प्रमुख मॉडल पी 9 और गूगल नेक्सस 6पी है। इसके अलावा कंपनी का स्मार्टवॉच हुआवेई वॉच 2 और स्मार्ट बैंड हुआवेई बैंड 2 प्रो भारतीय बाजार में उपलब्ध है।
वनप्लस इंडिया : कंपनी की फैक्ट्री उत्तर प्रदेश के नोएडा में है, जहां वन प्लस के साथ ही ओप्पो के मोबाइल फोन का भी निर्माण किया जाता है। वनप्लस का सबसे नवीनतम मॉडल वनप्लस 5टी और वनप्लस 5 है। वनप्लस अपने फोनसेट के लिए एंड्रॉयड का सबसे नवीनतम संस्करण तेजी से अपडेट करने के लिए जानी जाती है।
वनप्लस के स्मार्टफोन एंड्रायड के नवीनतम संस्करण पर आधारित ऑक्सीजन ओएस (ऑपरेटिंग सिस्टम) पर चलते हैं। यह कंपनी सिर्फ फ्लैगशिप मॉडलों का ही निर्माण करती है और अपने फोन के फ्लैगशिप किलर होने का दावा करती है।
कूलपैड : चीन की कूलपैड समूह ने भारत में स्मार्टफोन के निर्माण के लिए वीडियोकॉन समूह के साथ साझेदारी की है। भारत में बेचे जाने वाले इस कंपनी के स्मार्टफोन को महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित फैक्ट्री में असेंबल किया जाता है। कूडपैड के भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाले मॉडलों में कूलपैड कूलप्ले 6, कूलपैड कूलप्ले 1 और कूडपैड नोट 5 शामिल हैं।
जियोनी : चीन के गुआंगडोंग की कंपनी जियोनी ने अपनी फैक्ट्री हरियाणा के फरीदाबाद में लगाई है। कंपनी यहां से निर्मित मोबाइलों को भारत के बाहर के बाजारों में भी बेचती है। कंपनी ने इस फैक्ट्री में शुरुआती निवेश 500 करोड़ रुपये का किया था। इस कंपनी के भारत में बिकने वाले प्रमुख मॉडलों में एम 7 पॉवर, एक्स 1 और ए1 शमिल हैं। कंपनी ने आलिया भट्ट और विराट कोहली को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया है।
जोपो मोबाइल : चीन की कंपनी जोपो मोबाइल ने भारतीय बाजार में साल 2015 के अगस्त में प्रवेश किया था। कंपनी ने यहां अपना पहला फोन स्पीड 7 प्लस लांच किया था। कंपनी भारत में 100 करोड़ रुपये की लागत से जल्द ही अपनी फैक्ट्री शुरू करनेवाली है। जोपो मोबाइल के प्रमुख मॉडल हैं – फ्लैश एक्स 2, फ्लैक्स एक्स 1, स्पीड एक्स, कलर एम5 और कलर एम 4।
जेडटीई मोबाइल : जेडटीई कॉरपोरेशन स्मार्टफोन के साथ दूरसंचार के अन्य उपकरणों का भी निर्माण करती है। कंपनी की फैक्ट्री गुड़गांव में है, जहां कंपनी के कई वीओएलटीई स्मार्टफोनों का निर्माण किया जाता है। जेडटीई भारत में अपने जेडटीई एक्शन 7, ब्लेड वी 8 और जेडटीई जेडमैक्स जैसे मॉडलों की बिक्री करती है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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