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बिजनेस

भारतीय उद्योग अब अपना रहे हैं क्लाउड सास समाधान : ऑरेकल

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नई दिल्ली, 7 जनवरी (आईएएनएस)| भारत में क्लाउड आधारित सेवाओं को अपनाने में तेजी के साथ, सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) एक ऐसा क्षेत्र है जो इतनी तेजी से बढ़ रहा है, जितना पहले कभी नहीं था। ऑरेकल इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, क्योंकि कारोबार (बड़े से लेकर छोटे तक) यह महसूस करने लगे हैं कि सास समाधान मापनीय, तेज और सुरक्षित है।

गार्टनर का कहना है कि सास सबसे बड़ा क्लाउड बाजार होने जा रहा है और साल 2020 तक वैश्विक स्तर पर दोगुना बढ़कर 75 अरब डॉलर का हो जाएगा। भारत में सास कारोबार में साल 2017 में साल-दर-साल आधार पर 33 फीसदी की वृद्धि देखी गई।

ऑरेकल के उपाध्यक्ष (एप्लिकेशंस) प्रसाद राय ने आईएएनएस को बताया, हमारा मानना है कि सास भारत के साथ ही वैश्विक स्तर पर ग्राहकों की अपेक्षाओं को तेजी से पूरा करेगा। हमने ग्राहकों की मानसिकता में बदलाव देखा है, जो मुख्य रूप से इसे शुरुआत में अपनाने वाले कारोबारों को सास-आधारित एप्लिकेशन से मिले लाभ के कारण है।

रॉय ने कहा, शुरुआत में ग्राहकों को सास समाधान के बारे में आशंकाएं थीं, लेकिन आजकल विभिन्न क्षेत्रों की संस्थाएं अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए बिजनेस एप्लिकेशन पर विचार कर रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक क्लाउड बाजार में सास खंड की हिस्सेदारी करीब 69 फीसदी है।

बड़ी-बड़ी कंपनियों से लेकर स्टार्ट-अप्स तक, सभी क्लाउड समाधान की ओर देख रहे हैं या कम से कम क्लाउड प्रथम दृष्टिकोण रख रहे हैं।

रॉय ने कहा, इसके दो कारण हैं। पहला यह है कि संगठन यह चाहते हैं कि उनके एप्लिकेशन अतीत से ज्यादा तेज चलें और दूसरा यह है कि व्यवसायों ने यह महसूस किया है कि सास समाधान मापनीय, तेज और अत्यधिक सुरक्षित है तथा हर वक्त उपलब्ध रहते हैं।

उन्होंने कहा, अगर आप दुनिया में प्रमुख सॉफ्टवेयर मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा शोध और विकास पर किए जाने वाले खर्च को देखें तो आप पाएंगे कि ज्यादातर ने क्लाउड को ध्यान में रखकर ही शोध और विकास पर खर्च किया है।

ऑरेकल ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में राजस्व में छह फीसदी की वृद्धि दर हासिल की है और क्लाउड सास के राजस्व में 55 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह 1.1 अरब डॉलर रहा।

इसकी तुलना में, क्लाउड प्लेटफार्म एज ए सर्विस (पास) और इंफ्रास्ट्रक्चर एज ए सर्विस (आईएएएस) के राजस्व में 21 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 39.6 करोड़ डॉलर रहा। क्लाउड से प्राप्त होने वाले कुल राजस्व में 44 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 1.5 अरब डॉलर रहा।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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