बिजनेस
खुदरा, निर्माण में 100 फीसदी एफडीआई को मंत्रिमंडल की मंजूरी
नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)| प्रमुख क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सिंगल ब्रांड खुदरा कारोबार (एसबीआरटी) और निर्माण विकास में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी तथा एयर इंडिया में 49 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी। इसके अलावा, सरकार ने यह भी निर्णय लिया कि विदेशी संस्थागत निवेशकों और पोर्टफोलियो निवेशकों का पॉवर एक्सचेंज में प्राथमिक बाजार के माध्यम से मौका दिया जाए और एफडीआई नीति में ‘मेडिकल डिवाइसों’ की परिभाषा में भी बदलाव किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, ताकि एफडीआई नीति को आसान बना कर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया जाए।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, इसके बदले, निवेश, आय और रोजगार में वृद्धि के लिए एफडीआई का निवेश बढ़ेगा।
वर्तमान एफडीआई नीति के तहत सिंगल ब्रांड रिटेल व्यापार में 49 फीसदी का निवेश स्वचालित मार्ग से तथा उससे अधिक का निवेश 100 फीसदी तक सरकार की मंजूरी के बाद करने का प्रावधान था।
बयान में कहा गया, अब यह फैसला किया गया है कि सिंगल ब्रांड खुदरा व्यापार में स्वचालित मार्ग से 100 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति होगी।
मंत्रिमंडल ने इसके अलावा टाउनशिप, हाउसिंग, अवसंरचना और रियल एस्टेट ब्रोकिंग सेवाओं संबंधी निर्माण विकास क्षेत्र में भी 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दे दी है।
बयान में कहा गया है, यह फैसला किया गया है कि रियल एस्टेट ब्रोकिंग सेवा रियल एस्टेट कारोबार के तहत नहीं आता है, इसलिए यह स्वचालित मार्ग से 100 फीसदी एफडीआई प्राप्त करने के योग्य है।
वर्तमान नीति के तहत, विदेशी एयरलाइंस को अनुसूचित और गैर-निर्धारित हवाई परिवहन सेवाएं संचालित करने वाली भारतीय कंपनियों में सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत निवेश करने की अनुमति थी, जो कि उनके पेड-अप कैपिटल के 49 प्रतिशत की सीमा तक है।
हालांकि, यह एयर इंडिया पर लागू नहीं था, जिसका अर्थ था कि विदेशी एयरलाइंस पूर्णत: सरकारी स्वामित्व वाली राष्ट्रीय एयरलाइंस में निवेश नहीं कर सकती थी।
बयान में कहा गया है, अब इस प्रतिबंध को खत्म करने और विदेशी एयरलाइनों को एयर इंडिया में अनुमोदन मार्ग के तहत 49 फीसदी तक निवेश करने की अनुमति दी गई है, जिसके तहत एयर इंडिया में विदेशी निवेश 49 प्रतिशत से अधिक होगा।
पॉवर एक्सचेंजेस से संबंधित क्षेत्र में सरकार ने विदेशी संस्थागत निवेशकों और पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा प्राथमिक बाजारों के माध्यम से निवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है।
वर्तमान नीति के तहत, एफआईआई और एफपीआई खरीद केवल द्वितीयक बाजार तक ही सीमित थी।
फार्मा सेक्टर में, कैबिनेट ने एफडीआई नीति में मेडिकल डिवाइसों की परिभाषा में संशोधन करने का निर्णय लिया।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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