बिजनेस
हरेक भारतीय के पास अगले 5 सालों में होगा स्मार्टफोन : अमिताभ कांत
नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)| अगले पांच सालों में हरेक भारतीय के पास स्मार्टफोन होगा। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को यह बातें कही।
इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) द्वारा आयोजित इंडिया डिजिटल समिट में कांत ने कहा कि देश में करीब 40 लाख स्मार्टफोन यूजर्स हैं।
उन्होंने कहा कि यह देश में प्रौद्योगिकी में भारी बदलाव का दौर है।
उन्होंने कहा, अभी भी 85 फीसदी डिवाइसें कनेक्टेड नहीं है। इसलिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) में वृहद अवसर है। यह अवसर साल 2025 तक 70 अरब डॉलर के रेंज में होगी।
उनके मुताबिक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में अकेले 32 अरब डॉलर के अवसर पैदा करने की क्षमता है।
उन्होंने कहा, उन्नत रोबोटिक्स पहले से ही 25 फीसदी नौकरियों का प्रबंधन कर रहे हैं। यह आनेवाले सालों में बढ़कर 45 फीसदी हो जाएगी।
कांत ने कहा, भारत पहले ही मासिक आधार पर दुनिया में सबसे अधिक सक्रिय इंटरनेट यूजर्स का देश है। अगले दस सालों में डिजिटल लेनदेन बढ़कर 1,00,000 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी।
उन्होंने कहा कि फिनटेक क्षेत्र में करीब 600 स्टार्ट अप हैं, जिनके पास साल 2020 तक 14 अरब डॉलर मूल्य के अवसर उपलब्ध होंगे। कांत ने कहा, जहां तक स्टार्टअप का सवाल है, ‘मेक इन इंडिया’ ने वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में एक आदर्श बदलाव लाया है। अभी 4,000 स्टार्टअप्स हैं, जिनकी संख्या साल 2020 तक बढ़कर 12,000 हो जाएगी।
कांत ने कहा कि देश की वर्तमान चुनौतियों में सुरक्षित पीने का पानी, अवसंरचनाओं और फ्लाईओवरों का निर्माण शामिल है। इन सबमें निवेश और अन्वेषण का अनूठा अवसर है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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