बिजनेस
इंडस फूड एक्सपो से 1.52 अरब डॉलर व्यापार का अनुमान
नई दिल्ली, 18 जनवरी (आईएएनएस)| ‘इंडस फूड’ एक्सपो 2018 के पहले दिन रूस, वियतनाम, ईरान, ओमान, बहरीन, संयुक्त अरब अमीरात, इजरायल, फिलीपींस सहित 43 देशों के खरीदारों और भारतीय निर्यातकों के बीच वैश्विक व्यापार संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों की झलक देखने को मिली। आयोजकों को भविष्य में इस आयोजन से 1.52 अरब डॉलर व्यापार होने का अनुमान है।
भारत के खाद्य निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भारत व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) द्वारा आयोजित इंडस फूड एक्सपो में 43 देशों की 408 कंपनियों के साथ ही ईरान के डिप्टी कृषि मंत्री अली अकबर मेहरफार्द व ओमान के पब्लिक अथॉरिटी फॉर फूड रिजर्व के महानिदेशक सैफ सुल्तान अल शिबेनी सहित कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
इंडस फूड एक्सपो के उद्धाटन के मौके पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा, इस तरह के आयोजन उत्पादकों, कंपनियों और किसानों को बिना विदेश जाए ही वहां की कंपनियों से सीधे मुलाकात का अवसर देते हैं। निर्यात इतना आसान नहीं है कि आपने आज सोचा और कल से इसे शुरू कर दिया, इसके लिए एक उचित नीति की जरूरत है जो निर्यात को उचित तरीके से संभव कर सके और इसी प्रयास के तहत इस एक्सपो का आयोजन हुआ है।
भारतीय किसानों व कृषि उत्पादकों को दुनिया भर की रिटेल चेन और अन्य फूड कंपनियों के साथ जोड़ने के उद्देश्य के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, झारखंड, केरल जैसे राज्यों के पैवेलियन मौजूद हैं जो विदेशी खरीदारों को अपने उत्पादों की ओर रिझाते नजर आ रहे हैं।
इस तरह के आयोजनों से सरकार की क्या उम्मीदें हैं, इस पर टीपीसीआई अध्यक्ष मोहित सिंगल ने कहा, हम इस आयोजन से लंबे समय का लाभ मिलने की उम्मीद कर रहे हैं और इससे 1.52 अरब डॉलर का व्यापार मिलने का अनुमान लगाया है। आने वाले सालों में हम इस तरह के आयोजनों के और अधिक विस्तारित होने की उम्मीद करते हैं। हमारी उम्मीद है कि हम देश में ऐसे खाद्य मेलों का आयोजन कर सकें जो दुनिया के सबसे बड़े खाद्य मेलों में शामिल हैं।
भारत का लक्ष्य अगले पांच सालों में खाद्य वस्तुओं के निर्यात में दो गुना बढ़ोतरी करना है जिससे न केवल किसानों बल्कि खाद्य व कृषि क्षेत्र से जुड़े कारोबारियों की आय दोगुनी करने में मदद मिल सके? क्या इसी लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में टीपीसीआई ने ‘इंडस फूड’ एक्सपो का आयोजन किया है? इस पर वाणिज्य मंत्री ने कहा, निर्यात करने से पहले यह निर्धारित करने की जरूरत है कि हमें क्या निर्यात करना है कॉफी, मसाले या फिर रबर। सबसे पहले इन उत्पादों की पहचान की जानी चाहिए और फिर उनकी गुणवत्ता बेहतर की जाए ताकि वह विदेशों में निर्यात करने के लिए योग्य बन सकें। हम इसके लिए तकनीक को लेकर आ रहे हैं और बहुत सारे उत्पादों को भी खोज रहे हैं जो अभी तक निर्यात नहीं किए गए हैं।
उन्होंने कहा, हम किसानों को भी उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए कृषि निर्यात नीति पर काम कर रहे हैं। भारत एक बड़ा कृषि क्षेत्र है और हमारी वैश्विक बाजार तक पहुंच हासिल है। हम भारतीय निर्यातकों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक अपने उत्पादों को बेचने के प्रयासों पर काम कर रहे हैं।
किसानों की बेहतरी के लिए केंद्र सरकार की योजना पूछे जाने पर सुरेश प्रभु ने कहा, मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए बहुत अधिक प्रतिबद्ध है। सरकार एक चीज को लेकर बहुत ही गंभीर है वह यह कि किसानों को उस चीज का उचित मूल्य मिले जिसे वह पैदा कर रहे हैं और यह उनके कल्याण के लिए किए जाने वाला सर्वश्रेष्ठ प्रयास है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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