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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : संघर्ष विराम उल्लंघन पर भारतीय उप उच्चायुक्त तलब

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इस्लामाबाद, 19 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय उप उच्चायुक्त जे.पी. सिंह को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास सियालकोट सेक्टर में भारतीय जवानों की ओर से ‘बिना उकसावे वाले संघर्ष विराम उल्लंघन’ पर तलब किया। इस घटना में एक नागरिक की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। विदेश कार्यालय के बयान के अनुसार, हरपाल गांव के एक निवासी इरफान(24) की मौत हो गई और घायलों में महिलाएं व बुजुर्ग भी शामिल हैं।

महानिदेशक(एसए और एसएएआरसी) मोहम्मद फैसल ने सिंह को सूचित किया, भारतीय सेना पिछले दो दिनों से आबादी वाले इलाकों में स्वचालित हथियार से लगातार गोलीबारी कर रही है और मोर्टार दाग रही है।

विदेश कार्यालय के बयान के अनुसार, वर्ष 2018 में, भारतीय सेना ने नियंत्रण रेखा और अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर केवल 19 दिनों में 125 से ज्यादा बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। इससे चार नागरिकों की मौत हुई है और 20 अन्य घायल हुए हैं।

बयान के अनुसार, भारत की ओर से संघर्ष विराम की घटना में वर्ष 2017 से ही बढ़ोतरी हुई है, और इस दौरान भारतीय सेना ने 1900 से ज्यादा संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।

बयान में कहा गया, भारत की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है और इससे रणनीतिक रूप से समस्या पैदा हो सकती है।

भारत ने हालांकि इस पर कहा कि पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी में अतर्राष्ट्रीय सीमा के पास जम्मू एवं कश्मीर में सीमा सुरक्षा बल का एक जवान शहीद हो गया और दो नागरिक मारे गए हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, आपको पता होगा कि पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन कर रहा है। हमने भी ऐसे मामलों का जोरदार जवाब दिया है और इस मामले को पाकिस्तान की तरफ सही स्तर पर उठाया गया है।

कुमार ने कहा, हम कड़ाई से पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की निंदा करते हैं, जिसमें लोगों की जिंदगी और संपत्ति का नुकसान हुआ है।

दिल्ली में प्राप्त अधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को बीएसएफ के 20 अग्रिम चौकियों समेत, जम्मू, सांबा और कथुआ जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास अंधाधुंध बमबारी और गोलीबारी की है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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