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साइंस

जीसैट-11 विदेशी रॉकेट से प्रक्षेपित होने वाला अंतिम उपग्रह होगा : सिवन

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चेन्नई, 21 जनवरी (आईएएनएस)| भारत उपग्रह प्रक्षेपण कार्य में गति लाने के मकसद से रॉकेट बनाने की दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन कहते हैं कि अगर हमारा इरादा कामयाब रहा तो जल्द ही भारत के पास वजनदार उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजने के लिए स्वनिर्मित रॉकेट होगा।

सिवन के मुताबिक, अगर सब कुछ ठीकठाक रहा तो 8.7 टन वजनी जीसैट-11 शायद विदेशी रॉकेट जरिए अंतरिक्ष में भेजे जाने वाला अंतिम वजनदार उपग्रह होगा।

संचार उपग्रह जीसैट-11 को जल्द ही एरियनस्पेस के एरियन रॉकेट के जरिए लांच किया जाएगा।

सिवन ने कहा, हम दो संकल्पनाओं पर काम कर रहे हैं। एक ओर सबसे भारी रॉकेट की वहनीय क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम चल रहा है, वहीं दूसरी ओर उच्च प्रवाह व कम वजन वाले संचार उपग्रह तैयार किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि उपग्रहों में 60 फीसदी वजन रासायनिक ईंधन का होता है। रासायनिक ईंधन की जगह अंतरिक्ष में विद्युतीय उक्ति का इस्तेमाल करके उपग्रह का वजन किया जाएगा।

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी जीसैट-9 में विद्युतीय संचालक शक्ति का इस्तेमाल कर चुकी है।

वर्तमान में जीएसएलवी एमके-3 रॉकेट की वहन क्षमता चार टन है और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसकी क्षमता बढ़ाकर छह टन करने की दिशा में काम कर रही है। सिवन ने कहा, अब अधिकांश उपग्रह की वहनीय क्षमता चार से छह टन होगी।

सिवन के मुताबिक, क्षमता बढ़ाना सिर्फ जीएसएलवी एमके-3 तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य रॉकेटों में इस प्रक्रिया को अपनाया जाएगा, क्योंकि इससे प्रक्षेपण की कुल लागत में कमी आएगी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसरो उच्च भार वाले रॉकेट बनाना बंद कर देगा।

उन्होंने कहा, हमारे पास छह टन से ज्यादा भार वहन करने वाले रॉकेट डिजाइन करने और बनाने की क्षमता है। हम ज्यादा बड़े रॉकेट बनाने की दिशा में भी काम शुरू करेंगे।

सिवन ने कहा, हमारा प्रमुख उद्देश्य रॉकेट का उत्पादन बढ़ाना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा उपग्रहों का प्रक्षेपण हो, हमारे रॉकेट की क्षमता में बढ़ोतरी हो, रॉकेट निर्माण लागत में कमी आए और 500 किलोग्राम भार वहन करने योग्य छोटे रॉकेट विकसित किए जाएं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 के शुरुआती छह महीनों तक इसरो चंद्रयान-2, जीसैट-6ए और एक नौवहन उपग्रह के प्रक्षेपण में व्यस्त रहेगा। 12 जनवरी को इसने दूरसंवेदी उपग्रह काटरेसैट लांच किया था।

इसरो के नए प्रमुख 60 वर्षीय सिवन को यह बताने में कोई संकोच नहीं है कि उन्होंने पहली बार अपने पैरों में चप्पल और पोशाक में पैंट तब धारण किया था, जब वह एरोनॉटिकल इंजीनियरिग डिग्री के लिए मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी (एमआईटी) पहुंचे थे।

आईएएनएस से बातचीत में सिवन ने कहा, मैंने तमिल माध्यम से एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की। नागेरकोइल के एसटी हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने तक मैं सिर्फ धोती और कमीज पहनता था। पैरों में चप्पल-जूते नहीं होते थे। एमआईटी आने पर मैंने पैंट और चप्पल पहनना शुरू किया।

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Success Story

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी पैसेंजर वैन पर आतंकी हमला, 50 की मौत

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में शिया मुसलमानों से भरी एक पैसेंजर वैन पर हुए आतंकी हमले में 50 करीब लोगों की मौत हो गई। ये घटना खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले की है। पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सीमा पर लगे अफगानिस्तान के साथ पाराचिनार जिले में अक्सर हिंसा का अनुभव होता रहता है। इसके सुन्नी और शिया मुस्लिम समुदाय जमीन और सत्ता पर काबिज हैं।

इस क्षेत्र के शिया अल्पसंख्यक हैं, उन्हें 241 मिलियन की आबादी वाला मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम राष्ट्र भी कहा जाता है। स्थानीय पुलिस अधिकारी अजमत अली का इस मामले में बयान सामने आया है, उन्होंने बताया कि कुछ गाड़ियां एक काफिले में पाराचिनार शहर से खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर की ओर जा रही थी।

इस दौरान बीच रास्ते में काफिले पर हमला हो गया। प्रांतीय मंत्री आफताब आलम ने कहा है कि अधिकारी हमले में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच कर रहे हैं। साथ ही गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने गोलीबारी को आतंकवादी हमला बताया। वहीं प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने हमले की निंदा की और कहा कि निर्दोष नागरिकों की हत्या के पीछे के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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