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आज के चंद्रग्रहण से जरुर बचें गर्भवती महिलाएं, चौंका देगी वजह

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नई दिल्ली। 31 जनवरी आज वर्ष 2018 का पहला चंद्रग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण से पहले आज पूरे देश में माघ पूर्णिमा मनाई जा रही है। ऐसा पहली बार है जब माघ पूर्णिमा, सुपर मून, ब्लू मून और चंद्रग्रहण एक साथ पड़ रहे हैं। इसे दुर्लभ संयोग भी कहा जा रहा है।

बता दें कि आज माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती, श्री ललित और श्री भैरव जयंती भी मनाई जाती है। आज देशभर के लोग गंगा घाटों पर माघी पूर्णिमा के दिन श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं।

आज चंद्रमा का उदय 17:58 मिनट पर होगा और 20:41 बजे चंद्र ग्रहण समाप्त होगा। यानी ग्रहण की अवधि लगभग 2 घंटे 43 मिनट की रहेगी। वैसे तो अलग-अलग राशियों पर इसका अलग तरह से असर होगा लेकिन गर्भवती महिलाओं को आज के लिए विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। आइये जानते है कि आखिर गर्भवती महिलाओं को कीं बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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  • इस दौरान महिलाएं भगवान की मूर्ति को हाथ न लगाएं और न ही पूजा-पाठ से जुड़ा कोई काम करे।  ईश्वर का ध्यान लगातार करते रहें।
    *माना जाता है कि ग्रहण के समय कपड़े सीना, फल काटना या ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिसमें धारदार या नुकीली चीज का इस्तेमाल हो।
  • ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए।  मान्यता है कि इससे ग्रहण के अशुभ प्रभावों का उनपर सीधा असर नहीं होता है।
  • ग्रहण काल में गर्भवती को अपने साथ एक नारियल रखना चाहिए, इससे उसपर और गर्भ में पल रहे शिशु पर ग्रहण की तरंगों का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।
  • जितना कम हो सके उतनी कम बातें आज के दिन गर्भवती महिलाओं को करनी चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को इस दौरान कोई भी अपशब्द नहीं बोलना चाहिए।
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ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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