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खिलजी ‘रणवीर’ की तारीफें शाहिद को नहीं हुई हजम, तो कह दी इतनी बड़ी बात

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मुंबई| संजय लीला भंसाली की ऐतिहासिक फिल्म ‘पद्मावत’ में महारावल रतन सिंह की भूमिका में दर्शकों का दिल जीत रहे बॉलीवुड अभिनेता शाहिद कपूर का कहना है कि इस फिल्म में यदि दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका उन्हें मिली होती तो वह इसे रणवीर सिंह से अलग तरह से निभाते। यह पूछे जाने पर कि क्या वह खिलजी की भूमिका निभाना चाहेंगे?

Image result for रणवीर शाहिदशाहिद ने कहा, “बिल्कुल। कौन-सा अभिनेता संजय लीला भंसाली की फिल्म में खिलजी जैसी भूमिका निभाना नहीं चाहेगा? आपको पता है, एक बार ‘कॉफी विद करण’ में रणवीर ने कहा था कि वह ‘कमीने’ में मेरा किरदार मुझसे बेहतर निभाते। मैं खिलजी को अलग तरह से निभाता।”

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यह पूछने पर कि खिलजी की भूमिका उनके दृष्टिकोण से किस तरह अलग होगी? शाहिद ने कहा, “पहली बात यह कि मैं इसके विस्तार में जाना नहीं चाहता। हमेशा याद रखना, संजय लीला भंसाली अपनी सभी फिल्मों के नायक हैं और हम कलाकार दूसरे स्थान पर आते हैं।”

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उन्होंने कहा, “इसलिए चाहे खिलजी का लाउड और भव्य किरदार हो या रतन सिंह के किरदार की बारीकी, सबकुछ संजय सर की देन है। इसलिए यह उनका दृष्टिकोण उनका है। मैंने तो बस उसे अलग तरह से प्रस्तुत करने के बारे में कहा है, और वह भी इसलिए कि हम दो अलग कलाकार हैं और अभिनय की स्टाइल अलग-अलग है।”

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‘पद्मावत’ 25 जनवरी को रिलीज हुई और करणी सेना के विरोध के कारण कुछ राज्यों में फिल्म रिलीज नही हुई। फिर भी फिल्म 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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