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यह है दुनिया का पहला टॉपलेस सैलून, लड़कियां न्यूड होकर देती हैं सेवाएं

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नई दिल्ली। दुनिया में कई ऐसी अजीबोगरीब चीजें हैं जो हमेंशा सुर्खियां बटोरती रहती हैं। सैलून के बारे में तो आप सभी जानते ही होंगे। लेकिन हम जो खबर बताने जा रहें हैं इसके बारे में आपने पहले कभी नहीं सुना होगा। दुनिया में एक ऐसा भी सैलून है जिसमें काम करने वाली महिला कर्मचारी न्यूड होकर सेवाएं देती हैं। इस सैलून की चर्चा दुनिया भर में हो रही है। तो आइए जानते हैं इस खास सैलून के बारे में जिसमें बाल कटाने के लिए लंबी लाइन लग रही है।

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(साभार इंटरनेट)

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में बना यह सैलून दुनिया का पहला और एकमात्र न्यूड सैलून है। अपने अजीबोगरीब सेवाएं देने की वजह से यह अब दुनियाभर में फेमस हो चुका है। यह एक मैंन्स सलून है जहां पुरुष बाल और दाढ़ी कटाने आते हैं। इस सैलून के बाहर अभी से खासी भीड़ देखी जाने लगी है। एक रिपोर्ट की मानें तो यहां दिनभर बाल कटवाने और शेव करवाने वालों की लंबी लाइन लगती है।

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(साभार इंटरनेट)

खास बात यह है कि लंबी लाइन लगने के बावजूद लोग यहां मजबूती से डटे रहकर अपने नंबर का इंतजार करते हैं। इस सैलून की एक खासियत यह भी है कि जो ग्राहक यहां एक बार आ जाता है तो यहां की चकाचौंध देखकर फिर किसी दूसरे सैलून में नहीं जाता।

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(साभार इंटरनेट)

यहां की टॉपलेस मेजबानी देख लोग बार-बार इसी सैलून की तरफ रुख करते हैं। सैलून की मालकिन का कहना है कि पहले इस सैलून में कोई नहीं आता था। फिर उनको यह आइडिया आया जिसके बाद अब सैलून में लंबी लाइन लगी रहती है। यह सैलून केवल यहां ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फेमस हो चुका है।

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(साभार इंटरनेट)

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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