अन्तर्राष्ट्रीय
राष्ट्रपति के निर्वाचन में फिर असफल रहा लेबनान
बेरुत | लेबनान की संसद संवैधानिक गणपूर्ति (कोरम) के अभाव में बुधवार को लगातार 20वीं बार नए राष्ट्रपति के चुनाव में असफल रही। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, सदन में केवल 54 सांसदों के आने के बाद अध्यक्ष नाबीह बेरी ने सत्र स्थगित कर दिया और दो अप्रैल को एक नई बैठक बुलाई। सदन में मौजूद 54 सदस्यों की संख्या 128 सदस्यीय संसद में गणपूर्ति के लिए आवश्यक दो-तिहाई सदस्यों की संख्या से कम थी।
लेबनान में 25 मई से ही कोई राष्ट्रपति नहीं हैं, जब पूर्व राष्ट्रपति मिशेल सुलेमान का छह साल का कार्यकाल खत्म हुआ। सांसद बुतरस हार्ब ने सत्र स्थगित होने के बाद कहा, “गंभीर क्षेत्रीय गतिविधियों के कारण राजनीतिक व्यवस्था खतरे में हैं। यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो हम जनता से वर्तमान स्थिति के खिलाफ उठ खड़े होने के लिए कहेंगे।” अल मुस्तकबल मूवमेंट के सांसद अहमद फतफत ने कहा कि कुछ सांसद बार-बार संसद के सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं। उन्होंने सांसदों से अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने को कहा।
लेबनान दो विरोधी राजनीतिक खेमों में बंट गया है। पहला पश्चिम समर्थित ‘मार्च14’ है, जिसके नेता समीर गीगी राष्ट्रपति पद दौड़ में हैं। दूसरा समूह सीरिया-ईरान समर्थित ‘मार्च8’ है। यह राष्ट्रपति पद के लिए विधायक मिशेल एओन का समर्थन कर रहा है। मध्यमार्गी डेमोकेट्रिक गेदरिंग ने अपने संसद सदस्य हेनरी हेलोऊ को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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