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बिहार में औने-पौने भाव पर बिक रहा गेहूं

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नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)| बिहार में सरकार के निर्देशों के बावजूद गेहूं की सरकारी खरीद सुचारू ढंग से शुरू नहीं हो पाई है जिससे किसानों को औने-पौने भाव में अपना अनाज बेचना पड़ रहा है। प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी गुलाब बाग में गेहूं जींस कारोबारी किसानों से 1400-1500 रुपये प्रति क्विं टल के भाव पर गेहूं खरीद रहे हैं, जबकि एमएसपी के तहत 1735 रुपये प्रति क्विं टल पर गेहूं की खरीद होनी चाहिए।

प्रदेश के खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन साहनी ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि खरीद एजेंसियों और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1735 रुपये प्रति क्विं टल पर गेहूं की खरीद सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा, हमारी सरकार किसानों को उनके अनाज का लाभकारी मूल्य दिलाने को लेकर प्रतिबद्ध है और पैक्स और प्रखंड स्तर पर व्यापार मंडलों को किसानों से गेहूं खरीदने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि जमीन के मालिक और बटायदार दोनों अपना अनाज बेच सकें इसके लिए पंजीकरण के कागजात में भी सहूलियत दी गई है।

साहनी ने कहा, जिनके पास जमीन की रसीद नहीं है और वे बटिया खेती करते हैं उनके लिए वार्ड सदस्य से लिखवाकर देने पर खरीद एजेंसी उनसे अनाज खरीदती है।

साहनी ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों को खरीद के 48 घंटे के उनकी फसलों के दाम का भुगतान होना चाहिए।

एक अप्रैल से शुरू हुए रबी विपणन वर्ष में बिहार में सरकारी एजेंसियों ने अब तक कितना गेहूं खरीदा है इसका उनके पास कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं था। सहकारिता विभाग के सूत्र के मुताबिक, गेहूं की खरीद अभी पूरे प्रदेश में सुचारू ढंग से शुरू नहीं हो पाई है। खरीद के लिए किसानों के ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई।

प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी गुलाब बाग में गेहूं जींस कारोबारी किसानों से 1400-1500 रुपये प्रति क्विं टल के भाव पर गेहूं खरीद रहे हैं।

मंडी के एक कारोबारी ने बताया कि अच्छी क्वालिटी का गेहूं 1500 रुपये प्रति क्विं टल चल रहा है जबकि बारिश के कारण खराब क्वालिटी का गेहूं 1400 रुपये प्रति क्विं टल है।

उन्होंने बताया कि मंडी में बड़े किसान या गांवों के व्यापारी अनाज लेकर आते हैं। छोटे किसान जिनके पास कम उपज है वे गांव में व्यापारी के हाथों ही अपना अनाज बेचते हैं।

पूर्णिया जिले के किसान सिकंदर यादव ने बताया कि गांवों के व्यापारी 1350-1400 से ज्यादा कीमत पर गेहूं नहीं खरीद रहे हैं। उन्होंने कहा, गेहूं की खेती में अब लागत ज्यादा आती है जबकि दाम वाजिब नहीं मिलता है। खेती करना मजबूरी है क्योंकि दूसरा कोई काम नहीं है।

सहरसा जिला के कहरा प्रखंड के किसान शंकर ठाकुर ने कहा कि इस बार गेहूं की पैदावार अच्छी है मगर भाव नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, पैक्स की खरीद शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। मगर, उसमें भी पैसा समय पर नहीं मिलता है। ऐसे में गांवों के व्यापारियों को सस्ती दर पर बेचने के सिवा कोई दूसरा उपाय नहीं है।

मधेपुरा जिले के किसान प्रणव यादव ने कहा कि उनको अपनी जरुरियात की पूर्ति के लिए करीब 20 क्विं टल गेहूं महज 1400 रुपये के भाव पर बेचना पड़ा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंजाब और हरियाणा की अनाज मंडियों में गेंहू व धान की खरीद होती है उस तरह की व्यवस्था बिहार में नहीं है। उन्होंने कहा, यहां गांवों के व्यापारी मनमाने दाम पर अनाज खरीदते हैं।

केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन वर्ष 2018-19 में बिहार में दो लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा था। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार में गेहूं की खरीद की एजेंसी की कोई योजना नहीं है। एफसीआई ने पिछले साल भी बिहार में गेहूं की खरीद नहीं की थी।

देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान और पंजाब, हरियाणा के अलावा गुजरात, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में सरकारी एजेंसियां फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में उत्पादित गेहूं के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1735 रुपये प्रति क्विं टल पर किसानों से गेहूं खरीद रही है।

मगर, एमएसपी पर बिहार में गेहूं की खरीद अब तक नहीं हो पाई है जिससे किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है।

एफसीआई की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, 18 मई तक देशभर में गेहूं की सरकारी खरीद 328.54 लाख टन हो चुकी है, जबकि केंद्र सरकार ने इस साल केंद्रीय पूल के लिए 320 लाख टन गेहूं की खरीद करने का लक्ष्य रखा था।

केंद्रीय कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार को फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के लिए जारी तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक, देश में इस साल गेहूं का उत्पादन 9.86 करोड़ टन रहने का अनुमान है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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