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अंतरक्षि तकनीक से सरस्वती नदी को वजूद में लाने की कोशिश

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चंडीगढ़, 29 मई (आईएएनएस)| हरियाणा सरकार ने प्राचीन सरस्वती नदी को फिर से जीवित करने का बीड़ा उठाया है। इस कार्य को पूरा करने के लिए अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने को लेकर ‘मिशन मोड’ में है। सरकार ने इसके लिए 50 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस दिशा में कार्य में तेजी लाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो), राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच), नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी), भारतीय भूवज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) को जिम्मेदारी दी गई।

प्रदेश की कला व संस्कृति मंत्री कविता जैन ने कहा, हरियाणा सरकार सरस्वती नदी को पुनरुज्जीवित करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है। नदी भारत की राष्ट्रीय धरोहर है।

मंत्री ने कहा, सरस्वती नदी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है और इसको नया जीवन प्रदान करने के लिए समेकित प्रयास की जरूरत है, जिससे भारत दोबारा विश्वगुरु का दर्जा हासिल कर पाएगा। इसरो पिछले 20 साल से सरस्वती नदी पर कार्य कर रहा है।

राज्य सरकार ने अवसाद से भरे होने से विलुप्त हो चुकी नदी की धारा के अन्वेषण और सरस्वती नदी के जल विज्ञान संबंधी पहलुओं के अध्ययन के लिए दो एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

करार पर हस्ताक्षर हरियाणा सरस्वती विरासत विभाग बोर्ड (एचएसएचडीबी) और इसरो ने हस्ताक्षर किए हैं।

जल-भू विज्ञान प्रतिदर्श और भू-अंतरिक्ष तकनीक के माध्यम से सरस्वती नदी के जलग्रहण क्षेत्र के जल संतुलन का अध्ययन किया जाएगा। यह कार्य वर्ष 2018 से लेकर 2020 तक चार चरणों में किया जाएगा।

कविता ने कहा, यह गर्व की बात है कि आदि भारती इस नदी का उद्गम बिंदु हैं। प्राचीन काल में हमारे वेदों की रचना इसी नदी के तट हुई थी। सरस्वती नदी हरियाणा से होते हुए राजस्थान को जाती थी।

भाजपा सरकार पौराणिक नदी की खोज के सिलसिले में अप्रैल, 2015 में हरियाणा के यमुनानगर जिला स्थित रोहलाहेरी गांव में सिर्फ सात फीट की खुदाई पर पानी मिलने से उत्साहित हुई।

सरस्वती नदी की खुदाई को लेकर अपने स्पष्ट इरादे के साथ मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की अध्यक्षता में सरकार ने सरस्वती नदी के उद्गम स्थान कुरुक्षेत्र से युद्ध स्तर पर करवाने के निर्देश दिए।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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