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सैन्य हाथियारों के निर्माण में मदद नहीं करेगी गूगल : पिचाई
सैन फ्रांसिस्को, 8 जून (आईएएनएस)| पेंटागन द्वारा प्रेरित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) परियोजना ‘मेवेन’ में अपनी सहभागिता पर विवादों का सामना करने के बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने जोर देकर कहा कि कंपनी ऐसी किसी प्रौद्योगिकी पर काम नहीं करेगी, जो नुकसान का कारण बने। गूगल के करीब चार हजार कर्मचारियों ने एक आवेदन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें एक स्पष्ट नीति की मांग का जिक्र किया गया है। मांग के तहत कर्मचारियों ने कहा कि न तो गूगल और न ही इसके ठेकेदार कभी भी युद्ध तकनीक का निर्माण करेंगे।
बढ़ती नाराजगी के बाद गूगल ने ‘मेवेन’ एआई परियोजना को दोबारा शुरू न करने का फैसला किया है। यह परियोजना अमेरिकी रक्षा विभाग के साथ चल रही है और 2019 में खत्म होगी।
पिचाई ने गुरुवार देर रात एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, हम हथियारों व अन्य प्रौद्योगिकी में एआई न तो बनाएंगे और न ही उसमें लगाएंगे। हथियारों व अन्य प्रौद्योगिकी का मुख्य उद्देश्य या कार्यान्वयन लोगों को सीधा चोट पहुंचाता है।
भारतीय मूल के सीईओ ने कहा, हम उन प्रौद्योगिकियों में एआई का प्रयोग नहीं करेंगे, जो निगरानी के लिए जानकारी इकट्ठा करती हो या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानदंडों का उल्लंघन करती हो।
पिचाई ने कहा, हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम एआई का प्रयोग हथियारों के निर्माण में नहीं होने देंगे, हालांकि हम सरकारों और सेना के साथ साइबर सुरक्षा, प्रशिक्षण, सैन्य भर्ती, वृद्धों की स्वास्थ्य देखभाल, खोज और बचाव जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करना जारी रखेंगे।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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