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पुरुषों को कभी महिलाओं के इस अंग को नहीं छूना चाहिए, छुएंगे तो आपको होगी समस्या

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नई दिल्ली। भारतीय समाज में महिलाओं को देवी स्वरुप मानते हैं। माना जाता है कि महिलाओं की वजह से ही इस पूरी दुनिया का अस्तित्व है। महिलाएं चाहें तो किसी की एक नई दुनिया बसा सकती हैं और चाहें तो किसी की दुनिया उजाड़ भी सकती हैं। महिलाओं को लेकर कई तरह की मान्यताएं हमारे समाज में व्याप्त हैं। जैसे एक मान्यता है कि कभी भी महिलाओं की नाभि को नहीं छूना चाहिए।

शास्त्रों में स्त्री की नाभि को शरीर का सबसे पवित्र हिस्सा माना गया है। माना जाता है कि किसी भी पुरुष को स्त्री की नाभि को अपने हाथों से नहीं छूना चाहिए। अगर वे छूते है तो उन्हें कई मुसीबातों का सामना करना पड़ सकता है। अगर कोई पुरुष स्त्री की नाभि को छूता है तो उसे देवी काली द्वारा सजा दी जाती है। देवी काली की नाभि में उनकी सारी शक्तियां विराजमान रहती हैं।

इसलिए कभी भी पुरुष को महिला की नाभि नहीं छूना चाहिए। जब एक पुरुष अपनी पत्नी के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाता है तो उसे इस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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