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साहित्य अकादमी ने बाल, युवा पुरस्कार-2018 की घोषणा की

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नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)| साहित्य अकादमी ने शुक्रवार को इस साल के बाल साहित्य पुरस्कार के 21 विजेताओं और युवा पुरस्कार के 21 युवा विजेताओं के नामों की घोषणा की।

बाल पुरस्कार 14 नवंबर को बाल दिवस के दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की याद में एक समारोह में प्रदान किए जाएंगे, हालांकि युवा पुरस्कार कब दिए जाएंगे, इसकी घोषणा नहीं की गई है।

एक बयान में कहा गया, पुरस्कारों की सिफारिश 22 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 22 जूरी सदस्यों द्वारा की गई और साहित्य अकादमी के कार्यकारी बोर्ड द्वारा अनुमोदित की गई, जिसकी बैठक आज साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में हुई।

युवा पुरस्कार के लिए कविताओं की दस किताबें, लघु कथाओं में से सात, तीन उपन्यास और एक नाटक चुना गया है।

दोनों प्रकार के पुरस्कार विजेताओं को ताम्र पत्र और 50,000 रुपये का चेक प्रदान किया जाएगा।

बाल पुरस्कार के लिए जुगललोचन दास (असमिया), शीर्षेदु मुखोपाध्याय (बंगाली), सीताराम बसुमतरी (बोडो), ईस्टरिन कियर (अंग्रेजी), चंद्रकांत शेठ (गुजराती), दिविक रमेश (हिंदी), कांच्यानी शरणप्पा शिवसंगप्पा (कन्नड़), जरीफ अहमद जरीफ (कश्मीरी), कुमुद भिकू नायक (कोंकणी), वैद्य नाथ झा (मैथिली), पी.के. गोपी (मलयालम) और खांगेबम शामुंगौ के नाम की घोषणा की गई है।

पुरस्कारों के लिए रत्नाकर मत्कारी (मराठी), भीम प्रधान (नेपाली), बीरेंद्र मोहंती (उड़िया), तरसेम (पंजाबी), सी.एल. संखला (राजस्थानी), संपदानंद मिश्रा (संस्कृत), लक्ष्मीनारायण हंसदा (संथाली), कल्पना अशोक चेल्लानी (सिंधी), क्रीउंगाई सेतुपति (तमिल), नरमशेट्टी उमामहेश्वर राव (तेलुगू) और राइस सिद्दीकी (उर्दू) भी नामित हुए हैं।

डोगरी भाषा श्रेणी में पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी।

युवा पुरस्कार में इस साल कविताएं हावी रहीं। इसके लिए समरंगी बंदोपाध्याय (बंगाली), एशा दादावाला (गुजराती), आस्तिक वाजपेयी (हिंदी), विल्मा बंटवाल (कोंकणी), उमेश पासवान (मैथिली), टोंगब्रम अमरजीत सिंह (मणिपुरी), जयद्रथा सुना (उड़िया), दुष्यंत जोशी (राजस्थानी), मुनी राजसुंदर विजय (संस्कृत) और बाला सुधाकर मौली (तेलुगु)के नामों की घोषणा की गई है।

लघु कथा वर्ग के पुरस्कार विजेताओं में बिपाशा बोरा (असमिया), पद्मनभा भट (कन्नड़), धीबा नाजीर (कश्मीरी), छुदेन कबीमु (नेपाली), रानी मुर्मू (संथाली), सुनील कृष्णन (तमिल), शहनाज रहमान (उर्दू) शामिल हैं।

‘उपन्यास’ श्रेणी में पुरस्कार अमल (मलयालम), नवनाथ गोरे (मराठी) और गुरप्रीत सहजी (पंजाबी) को दिए जाएंगे। चंपा चेतनानी को उनके सिंधी नाटक के लिए नामित किया गया है।

अंग्रेजी भाषा श्रेणी में पुरस्कार के लिए कोई पुस्तक उपयुक्त नहीं पाया गया। बोडो के लिए पुरस्कार बाद में घोषित किया जाएगा, जबकि डोगरी के लिए कोई पुरस्कार घोषित नहीं किया गया है।

भारत सरकार द्वारा 1954 में स्थापित, साहित्य अकादमी भारत की प्रमुख साहित्यिक संस्था है, जो 24 भाषाओं में साहित्य को संरक्षित करती है।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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