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तमिलनाडु : राज्यपाल पुरोहित ने दबाव डालने वालों को चेताया

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चेन्नई, 24 जून (आईएएनएस)| तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के कार्यालय ने रविवार को चेतावनी दी कि जो लोग राज्यपाल को डराकर नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, उनसे नियमों के मुताबिक कड़ाई से निपटा जाएगा।

यहां जारी एक बयान में राजभवन ने कहा कि राज्यपाल आने वाले महीनों में जिलों में अपने दौरे जारी रखेंगे और राज्यपाल का कार्यालय भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 के तहत संरक्षित है।

इसमें कहा गया कि डराकर नियंत्रण में करने या हमला या आपराधिक ताकतों का इस्तेमाल करने के प्रयास से कानून के अनुसार निपटा जाएगा।

राजभवन के बयान में कहा गया कि भारत के राष्ट्रपति या किसी राज्य के राज्यपाल पर दबाव डालने की मंशा से उनके कार्यो या शक्तियों में बाधा पहुंचाने की कोशिश करने वालों को सात साल तक की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

राज्यपाल के कार्यो में बाधा पहुंचाने में गलत तरीके से रोकने या हमला करने या उन्हें डरा कर नियंत्रित करने की कोशिश या आपराधिक बल या इनका इस्तेमाल आदि शामिल है।

बयान में द्रमुक नेता एम.के.स्टालिन ने पुरोहित के जिले के दौरे के खिलाफ विरोध में राजभवन के करीब एक इलाके में घेराबंदी की मांग का जिक्र करते हुए साफ तौर पर कहा गया कि राज्यपाल को राज्य के किसी भी हिस्से में जाने का पूरा अधिकार व स्वतंत्रता है।

इसमें कहा गया, विपक्ष के नेता द्वारा ‘पुनर्विचार’ शब्द का उपयोग लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। वह या तो राजभवन को घेरने या राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों को रोकने की धमकी देने के कानून से अनजान हैं।

बयान में कहा गया है कि पुरोहित जिलों के अपने शुरुआती दौरे के समय से विपक्ष के नेता व दूसरी विपक्षी पार्टियों के सदस्यों को राजभवन में आमंत्रित कर कानूनी स्थिति की जानकारी देने की कोशिश में जुटे हैं।

राजभवन के बयान के अनुसार, कार्यकारी प्रमुख के तौर पर राज्यपाल को राज्य के अधिकारियों से मिलने और उनसे बातचीत करने की निर्बाध स्वतंत्रता है।

स्टालिन के नेतृत्व में शनिवार को राजभवन के आगे एक जुलूस निकाला गया। यह जुलूस पार्टी कार्यकर्ताओं की नमक्कल में गिरफ्तारी के खिलाफ था। इन कार्यकर्ताओं को पुरोहित के शुक्रवार के दौरे के दौरान काले झंडे दिखाने के लिए गिरफ्तार किया गया था।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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