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मुख्य समाचार

कन्हैया के खिलाफ शुक्रवार तक कोई सख्त कदम न उठाने के आदेश

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नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को निर्देश दिया कि वह छात्र संघ (जेएनयूएसयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ शुक्रवार (20 जुलाई) तक कोई सख्त कदम न उठाए। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष पर 2016 की घटना के संबंध में विश्वविद्यालय के एक पैनल द्वारा जुर्माना लगाया गया था, जिसमें उन पर एक समारोह में भारत विरोधी नारे लगाने का आरोप था।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने यह आदेश कन्हैया की याचिका पर सुनाया है, जिसमें उन्होंने जुर्माने के विश्वविद्यालय के आदेश को चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की पीठ छुट्टी पर है, इसलिए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने शुक्रवार तक इस मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है।

कन्हैया की याचिका वकील तरन्नुम चीमा और हर्ष बोरा की तरफ से दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने चार जुलाई को अपने मुख्य प्रॉक्टर के माध्यम से जेएनयू द्वारा पारित आदेश को रद्द करने की मांग की है।

चार जुलाई के आदेश में जेएनयू ने कन्हैया को अनुशासन के नियमों व जेएनयू के छात्रों के उचित आचरण की धारा 3 के तहत दोषी ठहराया और उनपर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया था।

धारा 3 छात्रों के किसी कृत्य को कुलपति या किसी अन्य संबंधित प्राधिकारी द्वारा अनुशासन या आचरण का उल्लंघन मानने पर लगाई जाती है।

आदेश 11 फरवरी, 2016 को स्थापित एक उच्चस्तरीय जांच समिति द्वारा रिपोर्ट के आधार पर जारी किया गया है।

कन्हैया ने अपनी याचिका में कहा था कि इस आदेश में न्याय के सिद्धांतों पर गौर करने में भारी चूक हुई है और दिल्ली उच्च न्यायालय के 12 अक्टूबर, 2017 को जारी निर्देशों का उल्लंघन किया गया है।

एक उच्चस्तरीय जांच में छात्र-कार्यकर्ता उमर खालिद, कन्हैया कुमार और अनिर्बान भट्टाचार्य फरवरी 2016 में एक मामले में दोषी पाए गए थे, जिसमें छात्रों के एक समूह ने कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए थे।

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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