अन्तर्राष्ट्रीय
जिस देश के दौरे पर हैं पीएम मोदी, वहां का तानाशाह था आदमखोर, पीता था इंसानों का खून
नई दिल्ली। विश्व में अनेक तानाशाह पैदा हुए हैं लेकिन आज एक ऐसे तानाशाह की बात करेंगे जिसके बारे में यह कहा जाता है कि वो आदमखोर था। यह तानाशाह युगांडा का था। इसने युगांडा पर आठ बर्षो तक शासन किया। अपने शासन काल के दौरान इसने लाखों लोगो की जान ली।
इंसानियत का दुश्मन, हैवान, राक्षस जैसे उपनाम थे इसके:
ईदी अमीन को इंसानियत का दुश्मन, हैवान, राक्षस और न जाने क्या-क्या कहा जाता है। इसके बारे में तमाम तरह की कहानियां प्रचलित हैं कि ‘वो लोगों का ख़ून पीता था, आदमख़ोर था’।
भारतीय मूल के क़रीब 90 हज़ार लोगों को बेघर कर दिया गया था:
ईदी अमीन ने अपनी तानाशाही के दौरान भारतीय मूल के क़रीब 90 हज़ार लोगों को देश निकाला दे दिया था। इन एशियाई मूल के लोगों को अंग्रेज़, भारतीय उपमहाद्वीप से युगांडा ले गए थे। अंग्रेज़ों का मक़सद था इन भारतीयों की मदद से पूर्वी अफ्रीका का प्रशासन चलाना।
अधिकतर लोग गुजरात के रहने वाले थे:
इसके अलावा भारतीय मूल के लोगों की मदद से युगांडा में रेलवे लाइन भी बिछाई गई। बाद में बहुत से भारतीय युगांडा में ही बस गए। कुछ ने प्रशासन में सिक्का जमाया, तो बहुत से लोगों ने कारोबार में नाम-दाम कमाया। इनमें से ज़्यादातर लोग मूल रूप से गुजरात के रहने वाले थे।
युगांडा छोड़ ब्रिटेन गए थे भारतीय मूल के लोग:
जब ईदी अमीन ने 90 हज़ार के क़रीब एशियाई मूल के लोगों को देश निकाले का फ़रमान सुनाया तो इनमें से क़रीब 20 हज़ार के पास ब्रिटिश पासपोर्ट था। यानी वो ब्रिटेन के नागरिक थे। युगांडा से निकाले जाने के बावजूद उन्होंने ब्रिटेन में भी ख़ूब कामयाबी हासिल की।
अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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