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केरल : बाढ़ में 164 लोगों की मौत, बचाव अभियान जारी

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तिरुवनंतपुरम, 17 अगस्त (आईएएनएस)| केरल में 10 दिनों से प्रलय मचा रही बाढ़ से अबतक 164 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को एक दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टरों के जरिए सैकड़ों सुरक्षा कर्मियों, एनडीआरफ टीमों और मछुआरों ने अपनी मोटर बोटों के जरिए व्यापक बचाव अभियान छेड़ दिया है। शुक्रवार को छह और लोगों की मौत हो गई। यद्यपि शुक्रवार सुबह से कई जिलों में बारिश कम हो गई है और इडुक्की जिले के बड़े बांधों से पानी निकाला जा रहा है, लेकिन कासरगोड को छोड़कर 13 जिलों में अभी भी रेड अलर्ट है।

मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि स्थिति अभी भी गंभीर है।

उन्होंने कहा, अच्छी खबर सिर्फ यह है कि राज्य के कुछ इलाकों में बारिश कम हो गई है और हमारी योजना दिन के अंत तक इन इलाकों में फंसे लोगों को निकालने की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार सुबह बाढ़ की स्थिति पर विजयन से फोन पर बात की और कहा कि वह शुक्रवार को ही स्थिति का जायजा लेने वहां जाएंगे।

आठ अगस्त के बाद से राज्य में 164 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2.23 लाख लोगों को 1,568 राहत शिविरों में रहना पड़ रहा है।

समीक्षा बैठक के बाद विजयन ने कहा, सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में पथनामथित्ता, अलप्पुझा, एर्नाकुलम और त्रिसूर शामिल हैं, जहां 52,856 परिवार प्रभावित हैं।

उन्होंने कहा कि बचाव और राहत कार्य में वर्तमान में कार्यरत 14 हेलीकॉप्टरों के अतिरिक्त 11 और हेलीकॉप्टर जल्द आएंगे।

चेंगानूर और चलाकुडी जिलों में फंसे लोगों को सिर्फ हवाई मार्ग से निकला जा सकता है, जिसके कारण रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने अतिरिक्त हेलीकॉप्टर के लिए मंजूरी दे दी है।

विजयन ने कहा कि शुक्रवार को सेना के 16, तटरक्षक के 28, एनडीआरएफ के 39 और नौसेना के 42 दल बचाव अभियान में शामिल थे, जबकि आज ही एनडीआरएफ के 14 अन्य दल और पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि इडुक्की और वायनाड के इलाकों तथा पथनामथित्ता के कुछ इलाकों में पानी कम हुआ है।

विजयन ने कहा कि बचाव दल के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आ रही है कि कुछ लोग राहत शिविरों में जाना नहीं चाह रहे हैं।

वित्तमंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि कई लोगों ने, विशेषकर कुट्टनाडु क्षेत्र में, राहत शिविरों में जाने से इंकार कर दिया।

पेरियार और इसकी सहायक नदियों के पानी ने एर्नाकुलम और त्रिसूर के कई नगरों को जलमग्न कर दिया है।

चलाकुडी में एक समूह ने टीवी चैनलों को भेजे एक वीडियो में कहा, हमारे पास खाने को कुछ नहीं है और 150 लोग यहां से निकाले जाने का इंतजार कर रहे हैं।

हजारों लोग ऊंची इमारतों की छतों पर बैठकर बचाव दल का इंतजार कर रहे हैं। अकेले एर्नाकुलम और त्रिसूर में ही 50,000 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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