अन्तर्राष्ट्रीय
सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिला एक्टिविस्ट का होगा सिर कलम, पहली बार दी जाएगी ऐसी सजा
सऊदी अरब महिला एक्टिविस्ट की रिहाई की मांग को लेकर कनाडा के साथ रिश्तों में तनाव के बाद अब पहली महिला एक्टिविस्ट को सिर कलम कर मौत के घाट उतारा जाएगा।
आपको बता दें, 29 साल की एक्टिविस्ट इसरा अल-घोमघम को उनके पति मूसा अल-हाशीम के साथ दिसंबर 2015 में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों पर पूर्वी कातिफ प्रांत में अरब क्रांति के बाद सरकार विरोधी प्रदर्शन आयोजित करने का आरोप था।
सऊदी अरब में किसी महिला को पहली बार मृत्युदंड के बतौर सिर कलम करने की सजा भी दी जा सकती है। मानवाधिकार कार्यकर्ता इसरा को जीवनदान के लिए अभियान चला रहे हैं।
इसी महीने, रियाद की विशेष आपराधिक अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने इसरा और 5 अन्य अभियुक्तों के आतंक-विरोधी कानून के तहत सिर कलम करने की मांग की थी।
जर्मनी स्थित यूरोपीयन सऊदी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ESOHR) के मुताबिक – घोमघम एक जानी-मानी कार्यकर्ता हैं। ESOHR के निदेशक अली अदुबिसी ने एक बयान में कहा कि यह फैसला गहन रूढ़िवादी देश में महिला कार्यकर्ताओं के लिए खतरनाक उदाहरण पेश करता है। ESOHR घोमघम की तुरंत रिगाई की मांग कर रहा है।
समूह का कहना है कि घोमघम को बीते 3 साल से कैद रखा गया है और इस दौरान उन्हें वकील तक करने का अधिकार नहीं मिला। घोघनम को राजनीतिक कैदियों की रिहाई और शिया विरोधी सरकार के भेदभाव को खत्म करने की मांग के आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
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अन्तर्राष्ट्रीय
पीएम मोदी को मिलेगा ‘विश्व शांति पुरस्कार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विश्व शांति पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। यह पुरस्कार उन्हें अमेरिका में प्रदान किया जाएगा। इंडियन अमेरिकन माइनॉरटीज एसोसिएशन (एआइएएम) ने मैरीलैंड के स्लिगो सेवंथ डे एडवेंटिस्ट चर्च ने यह ऐलान किया है। यह एक गैर सरकारी संगठन है। यह कदम उठाने का मकसद अमेरिका में भारतीय अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के कल्याण को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें एकजुट करना है। पीएम मोदी को यह पुरस्कार विश्व शांति के लिए उनके द्वारा किए जा रहे प्रयासों और समाज को एकजुट करने के लिए दिया जाएगा।
इसी कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यकों का उत्थान करने के लिए वाशिंगटन में पीएम मोदी को मार्टिन लूथर किंग जूनियर ग्लोबल पीस अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इस पुरस्कार को वाशिंगटन एडवेंटिस्ट यूनिवर्सिटी और एआइएएम द्वारा संयुक्त रूप से दिया जाएगा। जिसका मकसद अस्पसंख्यकों के कल्याण के साथ उनका समावेशी विकास करना भी है।
जाने माने परोपकारी जसदीप सिंह एआइएम के संस्थापक और चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं। इसमें अल्पसंख्यक समुदाय को प्रोत्साहित करने के लिए 7 सदस्यीय बोर्ड डायरेक्टर भी हैं। इसमें बलजिंदर सिंह, डॉ. सुखपाल धनोआ (सिख), पवन बेजवाडा और एलिशा पुलिवार्ती (ईसाई), दीपक ठक्कर (हिंदू), जुनेद काजी (मुस्लिम) और भारतीय जुलाहे निस्सिम रिव्बेन शाल है।
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