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मुख्य समाचार

अदालत 31 अक्टूबर को अकबर का बयान दर्ज करेगी

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नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| यहां की एक अदालत ने गुरुवार को पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ एम.जे. अकबर के आपराधिक मानहानि मुकदमे को स्वीकार कर लिया और कहा कि 31 अक्टूबर को भाजपा नेता का बयान दर्ज किया जाएगा। अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी समर विशाल ने कहा, “मैं आईपीसी की धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराध का संज्ञान लेता हूं।”

अकबर की वकील गीता लूथरा ने मामले में अपना पक्ष रखा। लूथरा ने अदालत से मानहानि मुकदमे को संज्ञान में लेने और महिला पत्रकार के खिलाफ मामला शुरू करने का आग्रह किया।

मानहानि मुकदमे को संज्ञान में लेने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई को 31 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया, जब अभियोक्ता और उनके गवाहों के बयानों को दर्ज किया जाएगा।

अकबर ने रमानी के विरुद्ध मानहानि के आरोपों को साबित करने के लिए दो महिला पत्रकारों द संडे गार्जियन की संपादक जॉयिता बसु और पत्रकार वीनू संदल और चार अन्य को अपने गवाहों के तौर पर नाम दाखिल किए हैं।

अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप सबसे पहले प्रिया रमानी ने लगाया था।

अकबर ने अपने वकील के जरिए अदालत से कहा कि प्रिया रमानी के अपमानजनक बयान से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है और लोगों की नजर में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई है।

लूथरा ने अदालत से कहा कि रमानी के विवादास्पद ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट ने गत 40 वर्षो में बनी उनकी छवि को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।

उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मीडिया में छपे लेखों में रमानी के ट्वीट का उल्लेख किया गया है। ये ट्वीट अकबर की मानहानि साबित करते हैं, जबतक वह उनके विरुद्ध कुछ साबित नहीं कर देती।”

‘द एशियन एज’ अखबार के संपादक रहे अकबर वर्ष 2014 में भाजपा में शामिल हुए थे। कई महिला पत्रकारों ने उनके संपादक रहने के दौरान उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।

अकबर ने इन आरोपों को ‘फर्जी और आधारहीन’ बताया है

इस्तीफा देने की विपक्ष की मांग कई दिनों तक ठुकराने के बाद अकबर ने बुधवार को विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि वह निजी क्षमता से कानूनी लड़ाई लड़ना चाहते हैं।

 

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नेशनल

केजरीवाल ने सदन में पूछा सवाल, क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है

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नई दिल्ली। दिल्ली में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शक्रवार को केंद्र सरकार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में कहा कि दिल्ली में बदहाल होती कानून-व्यवस्था पर अमित शाह चुप क्यों हैं?। केजरीवाल ने कहा कि लॉरेंस बिश्नोई कौन है। इसका जवाब बीजेपी को देना होगा। क्या लॉरेंस बिश्नोई को बीजेपी की तरफ से संरक्षण प्राप्त है। उसे जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं। वह गुजरात की जेल में रहते हुए भी देश-विदेश में गैंग कैसे चला रहा है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमने स्कूल, अस्पताल, सड़कें और बिजली ठीक करने की जिम्मेदारी पूरी की है लेकिन केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली की कानून व्यवस्था संभाली नहीं जा रही है। दिल्ली में हत्याएं और बम ब्लास्ट हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी-अभी मैं देख रहा था कि एक वकील कह रहे थे कि सड़क पर हाथ में मोबाइल फोन ले जाना मुश्किल है। आप मोबाइल फोन लो जाओगे, कोई ना कोई आपका मोबाइल छीन लेगा। दिल्ली में दुष्कर्म हो रहे हैं, मर्डर कर देते हैं। मैं यह एक अखबार लेकर आया हूं। दिल्ली की कानून व्यवस्था को लेकर इसमें जानकारी दी गई है।

उन्होंने कहा कि आपके पड़ोस में गैंगवार शुरू हो गए हैं। ये लॉरेंस बिश्नोई कौन है? कैसे वह जेल में बैठ कर गैंग चला रहा है। इसके बारे में अमित शाह को बताना पड़ेगा। बिश्नोई गैंग, भाऊ ग्रैंड, गोगी गैंग… ऐसे दर्जन भर गैंग दिल्ली के अंदर सक्रिय हैं। कोई बता रहा था कि इन्होंने अपने एरिया बांट रखे हैं।

दिल्ली में कानून व्यवस्था का यह हाल हो गया है कि आज हर कोई डरा हुआ है। लोगों को वसूली के फोन आ रहे हैं। महिलाओं का रेप कर हत्या की जा रही है। लॉरेंस बिश्नोई की गैंग ने आतंक मचा रखा है। एक बात समझ नहीं आ रही कि लॉरेंस बिश्नोई BJP शासित गुजरात की साबरमती जेल में बंद है तो वह जेल में रहकर अपनी गैंग कैसे चला रहा है?

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