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लाइफ स्टाइल

अधिक सेक्स खुशी की गारंटी नहीं

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न्यूयार्क। प्रेमी युगल या दंपति के बीच ज्यादा सेक्स उन्हें अधिक खुशी नहीं देता, क्योंकि ज्यादा सेक्स से उनमें इसके प्रति अरुचि पैदा होने लगती है और उन्हें सेक्स में ज्यादा आनंद भी नहीं आता। कार्नेज मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) के शोधकर्ताओं की एक टीम, जिसमें एक भारतीय मूल के शोधकर्ता भी हैं, ने इसका खुलासा किया। पहली बार सेक्स करने के बाद इससे मिलने वाले आनंद और सेक्स करने की इच्छा में गिरावट शुरू हो जाती है।

सीएमयू के इंजीनियरिंग एवं लोकनीति विभाग के वैज्ञानिक एवं इस अध्ययन के शोधकर्ता तमर कृष्णमूर्ति के अनुसार, “बार-बार सेक्स करने की बजाय युगल को ऐसा माहौल बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जो उनकी इच्छाओं को जगाए। साथ ही उन्हें सेक्स को ज्यादा मजेदार बनाना चाहिए।” सेक्स करने की बारंबारता और खुशी के बीच संबंध की जांच करने के उद्देश्य से अनुसंधानकर्ताओं ने 128 दंपतियों को अन्य लोगों की अपेक्षा अधिक बार सेक्स करने के लिए कहा।

इसके बाद शोधकर्ताओं ने दोनों समूहों के बीच तीन महीने की अवधि के बाद खुशी का स्तर परखा। जिस समूह के दंपतियों को अधिक बार सेक्स करने की सलाह दी गई थी, उनमें खुशी में इजाफा होने की बजाय थोड़ी कमी ही हुई। इस समूह वाले दंपतियों ने सेक्स की इच्छा में कमी और सेक्स के दौरान मिलने वाले आनंद में भी कमी की बात कही।

कृष्णमूर्ति ने कहा, “हालांकि ऐसा नहीं है कि इसकी वजह सीधे-सीधे अधिक सेक्स करना है, बल्कि इसका कारण यह है कि उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया, न कि उन्होंने खुद से ऐसा किया।” शोध के परिणामों के विपरीत शोधकर्ताओं का मानना है कि कुछ दंपति अपनी भलाई सोचकर बहुत कम सेक्स करते हैं और मानते हैं कि सही दिशा में सेक्स की बारंबारता बढ़ाना लाभदायी हो सकता है।

शोध पत्रिका ‘इकोनॉमिक बिहेवियर एंड ऑर्गेनाइजेशन’ के ताजा अंक में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि इसकी बजाय खुश रहने वाले लोगों में सेक्स की दर बढ़ सकती है या स्वस्थ रहने वाले लोगों में खुशी और सेक्स की दर दोनों में इजाफा हो सकता है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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