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अमेठी फूड पार्क के प्रमोटर शर्तो पर खरे नहीं उतरे : हरसिमरत

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नई दिल्ली | अमेठी में मेगा फूड पार्क परियोजना रद्द करने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार की तीखी आलोचना की है। इसके जवाब में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंगलवार को कहा कि संबंधित कंपनी के पास न तो न्यूनतम 50 एकड़ भूमि थी और न ही उसके पास परियोजना के लिए अनुमति थी। बादल ने लोकसभा में स्वेच्छा से दिए गए एक बयान में कहा, “विस्तृत परियोजना रपट के अध्ययन से पता चला कि प्रमोटर कंपनी के पास जरूरी 50 एकड़ भूमि और मेगा फूड पार्क परियोजना स्थापित करने की अनुमति नहीं थी।”

उन्होंने कहा, “इसलिए प्रमोटर कंपनी को कई बार मौका दिया गया कि आखिरी मंजूरी के लिए वह पूर्व निर्धारित शर्तो को पूरा करें। आखिरी मौका 30 मार्च, 2014 तक के लिए दिया गया था।” मंत्री ने बताया कि कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने पर प्रमोटर ने कहा कि उन्होंने पेट्रोलियम मंत्रालय में सब्सिडी दर पर गैस आवंटन किए जाने के लिए भी आवेदन किया है, ताकि मेगा फूड पार्क में कैप्टिव बिजली संयंत्र स्थापित किया जा सके, जो निरंतर बिजली आपूर्ति के लिए जरूरी है।

बादल ने बताया, “पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 18 दिसंबर 2012 के पत्र के जरिए कंपनी से कहा था कि देश में घरेलू गैस की किल्लत के चलते और घरेलू गैस आवंटन में कैप्टिव बिजली संयंत्र को दी गई न्यूनतम प्राथमिकता के कारण प्रस्तावित मेगा फूड पार्क के लिए घरेलू गैस का आवंटन करना संभव नहीं होगा।” उन्होंने बताया, “उनके मंत्रालय में हुई एक समीक्षा बैठक में प्रमोटर कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि सब्सिडी दर पर गैस आपूर्ति के बिना कंपनी परियोजना को व्यावहारिक नहीं मानती है। सब्सिडी दर पर गैस की उपलब्धता के अभाव में प्रमोटर कंपनी ने परियोजना पर आगे बढ़ने में असमर्थता जताई।”

बादल ने बताया कि एक अंतर मंत्रालय मंजूरी समिति (आईएमएसी) ने गत वर्ष जून में इस मुद्दे पर विचार किया था और आखिरी मंजूरी के लिए पूर्व निर्धारित शर्तो पर प्रमोटर कंपनी के खरा उतरने में हो रही देरी को देखते हुए मंत्रालय द्वारा परियोजना को दी गई सैद्धांतिक मंजूरी रद्द कर दी गई। शक्तिमान फूड पार्क उत्तर प्रदेश में इस तरह की पहली परियोजना थी। आदित्य बिड़ला नूवो लिमिटेड अमेठी के जगदीशपुर क्षेत्र में यह परियोजना स्थापित करना चाहती थी।

 

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दिल्ली के बंटी-बबली नागपुर से 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार, नागपुर पुलिस के चढ़े हत्थे

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नागपुर। नागपुर पुलिस ने बंटी-बबली जोड़ी को गिरफ्तार किया है। ये कंप्यूटर वर्क की दुकान खोलने के बहाने लगभग 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार हो गए। दिल्ली के रहवासी बंटी-बबली को नागपुर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया और नागपुर लेकर आई। आरोपी पवन कुमार और अनीता शर्मा के खिलाफ देश के कई राज्यों में मामले दर्ज हैं। यह दोनों मित्र है, जो कई वर्षों से ठगी में लिप्त हैं।

पहले लिए 18 पुराने लैपटॉप

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने नागपुर के बजाज नगर में किराए का मकान लिया। इसके बाद किराए पर दुकान लिया। इन लोगों ने एक बिजनेसमैन से पहले 18 पुराने लैपटॉप लिए और फिर 28 नए लैपटॉप ऑर्डर किए। उन्होंने व्यवसायी को तत्काल भुगतान का वादा किया और चले गए। तत्काल भुगतान का वादा करने के बाद भी आरोपियों ने रुपए नहीं दिए।

DCP लोहीत मतानी ने बताया कि,

लैपटॉप मिलने के बाद तुरंत ये लोग फरार हो गए। इन दोनों आरोपियों ने लैपटॉप के डीलर से कहा कि अगले दिन पैसे का भुगतान कर देंगे। लैपटॉप डीलर को दोनों ने बताया था कि यहां पर यह कंपनी चालू करने जा रहे हैं, इसके लिए नए लैपटॉप की जरूरत है। पुलिस ने अब तक सिर्फ 6 लैपटॉप जप्त किया है। इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को लैपटॉप बेच दिए हैं। पुलिस अब उन जगहों पर जाकर बाकी लैपटॉप जप्त करेगी।

 

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