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प्रादेशिक

बिहार में एईएस से 13 बच्चों की मौत

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मुजफ्फरपुर| बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में एक्यूट इंसेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी गंभीर रूप ले रही है। इस वर्ष इस बीमारी से अब तक 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. ज्ञानभूषण ने गुरुवार को बताया कि इस बीमारी से पिछले 24 घंटे के दौरान यहां श्रीकृष्ण मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) और केजरीवाल अस्पताल में भर्ती चार मरीजों की मौत हो गई है। अब तक मुजफ्फरपुर के अस्पतालों में कुल 33 बीमार बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

एसकेएमसीएच के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ़ ब्रजमोहन ने बताया कि यह बीमारी मुख्य रूप से बच्चों में होती है। हालांकि, उनका कहना है कि एसकेएमसीएच में एईएस की समुचित जांच और इलाज की व्यवस्था है।

इधर, मुजफ्फरपुर के सिविल चिकित्सकों ने लोगों से बच्चों को बुखार होने पर जल्द अस्पताल पहुंचाने की अपील की। चिकित्सकों के मुताबिक, बच्चे में तेज बुखार और शरीर में ऐंठन इसके लक्षण है।

उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष गर्मी के मौसम में यह बीमारी फैलती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वर्ष बिहार में एईएस से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी।

ऑफ़बीट

बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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