Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़ों पर रहेगी निवेशकों की नजर

Published

on

Loading

मुंबई। देश के शेयर बाजरों में आगामी सप्ताह निवेशकों की नजर प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर टिकी रहेगी। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर कंपनियों के तिमाही परिणामों की आखिर खेप, संसद के मानसून सत्र के घटनाक्रमों, मानसून की प्रगति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी।

बुधवार 12 अगस्त को सरकार जुलाई महीने के लिए उपभोक्ता महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। जून महीने में यह दर 5.4 फीसदी थी, जो मई में 5.01 फीसदी और अप्रैल में 4.87 फीसदी थी। बुधवार को ही सरकार जून महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े भी जारी करेगी। मई महीने में औद्योगिक उत्पादन विकास दर 2.7 फीसदी थी, जो अप्रैल में संशोधन के बाद 3.4 फीसदी थी।

शुक्रवार 14 अगस्त को सरकार जुलाई महीने के लिए थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगी। यह दर जून में लगातार आठवें महीने नकारात्मक दायरे में रही। जून में यह दर नकारात्मक 2.4 फीसदी थी, जो मइ में भी नकारात्मक 2.4 फीसदी और अप्रैल में नकारात्मक 2.65 फीसदी थी। मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के कारोबारी परिणाम जारी करने का दौर समाप्त होने जा रहा है। आगामी सप्ताह इसकी लगभग आखिरी खेप जारी होगी। निवेशक परिणाम के साथ कंपनी प्रबंधन द्वारा की जाने वाली आगामी तिमाहियों की आय की भविष्यवाणी में निवेश के अवसर ढूंढ़ेंगे।

सोमवार को इंजीनियर्स इंडिया और अडाणी पावर, मंगलवार को टाटा स्टील, सन फार्मा और एनएमडीसी, बुधवार को अशोक लेलैंड और वोल्टास, गुरुवार को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और और टाटा पावर और शुक्रवार को हिंडाल्को और सेल अपने परिणाम जारी करेंगी। राजनीतिक मोर्चे पर संसद के मानसून सत्र की गतिविधियों पर निवेशकों की नजर रहेगी। मानसून सत्र 13 अगस्त, 2015 तक चलेगा।
आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है।

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending