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प्रादेशिक

निफ्ट परिसरों को अपग्रेड करने की मंजूरी

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नई दिल्ली| केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों के आरक्षण के क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के परिसरों को अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी। साथ ही फंड के इस्तेमाल की समय सीमा को भी बढ़ा दिया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, “इसके साथ ही 90.13 करोड़ रुपये की उपलब्ध राशि के इस्तेमाल की समय सीमा 31 मार्च, 2015 थी, जिसे दो साल बढ़ाकर मार्च 2017 तक कर दिया गया है। इससे निफ्ट में ओबीसी आरक्षण के क्रियान्वयन के लिए सुविधाओं को अपग्रेड करने में मदद मिलेगी और कैंपस का संचालन अधिक प्रभावी व सक्षम तरीके से हो पाएगा।”

मौजूदा निफ्ट कैंपस के अपग्रेडेशन की योजना व ओबीसी विद्यार्थियों के लिए आरक्षण के क्रियान्वयन का उद्देश्य मौजूदा निफ्ट परिसर में अतिरिक्त कक्षाओं, प्रयोगशालाओं, छात्रावासों का निर्माण करना व मशीन व उपकरणों की खरीद करना है।

फैशन तकनीक में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सन् 1986 में केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय द्वारा निफ्ट की स्थापना की गई थी।

देश भर में अपने 15 परिसरों में निफ्ट पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है।

 

18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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